स्वास्थ्यःअधिक उम्र में व्यायाम याददाश्त को भी तेज करता है
- डॉ. डी. बालसुब्रमण्यममानवमस्तिष्क 10 वर्ष की उम्र तक वयस्क आकार में तो पहुँच जाता है; लेकिन इसकी वायरिंग और इसकी क्षमताएँ जीवन भर बदलती रहती हैं।40 की उम्र के बाद मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है। मस्तिष्क...
View Articleचिंतनः स्त्री का आसमान
- सांत्वना श्रीकान्तजबबात किसी विचारधारा या सोच की हो, तो सबसे पहले अमुक सोच/विचारधारा के अस्तित्व में आने के मूल कारणों पर विचार करना चाहिए। आज हर कोई पितृसत्तात्मक सोच के खिलाफ़ खड़ा है; पर आप इस...
View Articleकविताः मंदिर के दिये-सा है तू
- डॉ. कविता भट्टविदाई में तुम्हारे चेहरे की सलवटेंमुझे सताए जैसे बेघर को गर्म लू तू रो न सका, मेरे आँसू न रुकेपहाड़ी घाटी में उदास नदी-सा तू छोड़ रहा था चुन्नी काँपते हाथों सेसुना था पुरुष लौह स्तम्भ...
View Articleपर्यावरणः‘गीले कचरे’ से वेस्टलैंड का कायाकल्प
- सुबोध जोशीजिसतेज़ी से औद्योगिक अपशिष्ट, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक कचरे से भूमि को बेकार बनाया जा रहा है वह चिंता का विषय है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि विश्व में भूमि एक सीमित संसाधन है यानी भूमि...
View Articleशिक्षाः लीक से हटकर पढ़ाया जाएगा सोच का पाठ
- प्रमोद भार्गव देशका भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास ऐसा उच्च शिक्षण संस्थान है, जिसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने लगातार चौथी बार देश का श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान घोषित किया है। यह देश का एक मात्र...
View Articleआलेखः आदिकवि महर्षि वाल्मीकि
- डॉ. सुरंगमा यादवउल्टा नाम जपत जग जाना, वाल्मीकि भए ब्रह्म समाना। वाल्मीकि के विषय में तुलसीदास जी की ये पंक्तियाँ उनके जीवन के पूर्वार्ध और उत्तरार्ध दोनों का परिचय कराती हैं। राम का नाम उल्टा...
View Articleशौर्य गाथाः वीरता और संकल्प की मूरत- मेजर मोहित शर्मा
- शशि पाधावर्ष 1857 से 1947 तक के इतिहास को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नाम से जाना जाता है। इस काल में भारत को अंग्रेजों की दासता से मुक्ति दिलाने के लिए बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों और...
View Articleअनकहीः असुरक्षा का बढ़ता घना कोहरा...
- डॉ. रत्ना वर्मा यह सब इतना शर्मनाक और दुःखद है कि इस विषय पर फिर एक बार लिखते हुए मन बहुत उदास और असहाय महसूस कर रहा है। आज हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं कि माता- पिता अपनी बेटियों को कहीं भी...
View Articleउदंती.com, नवम्बर - 2022
वर्ष - 13, अंक - 3एक बेहतरीन किताब 100 अच्छे दोस्त के बराबर है,लेकिन एक सर्वश्रेष्ठ दोस्त पुस्तकालय के बराबर है। -अब्दुल कलामइस अंक मेंअनकहीः असुरक्षा का बढ़ता घना कोहरा...- डॉ. रत्ना वर्मा...
View Articleजीवन दर्शनः दीन के दर्द का मर्म
-विजय जोशी (पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल, भोपाल (म. प्र.)दीन ही सबको लखत है, दीनहिं लखे न कोय जो रहीम दीनहिं लखे दीनबंधु सम होय ईश्वरने हर एक को धरती पर उसके प्रारब्ध के तहत...
View Articleकिताबेंः मंत्रमुग्धा माधुर्य- भाव- धारा का मंत्रमुग्ध अवगाहन
- रश्मि विभा त्रिपाठीपुस्तकः मंत्रमुग्धा ( काव्य- संग्रह ): डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री', पृष्ठ: 106, मूल्य: आईएसबीएन: 978 93 91378, प्रथम संस्करण: 2022 , प्रकाशक: शैलपुत्री (शैलपुत्री फाउण्डेशन),...
View Articleप्रेरकः काश ये 11 बातें मुझे तब पता होतीं जब मैं 20 साल का था
– निशांतमैं हाल ही में 30 साल का हो गया। कुछ बहुत अजीब कारणों से मेरे मन में अभी भी इस बात को लेकर कोई उमंग नहीं है। लेकिन जब मैं अपनी उम्र के तीसरे दशक का अवलोकन करता हूं तब मेरा ध्यान इस दौर में की...
View Articleचिंतनः मुझमे मेरा कितना?
- लिली मित्रामुझमें मेरा कितना है? ऐसा लगता है पूरा अस्तित्व काँच की एक गेंद सा है यदि पटककर देखूँ, तो असंख्य किरचों में फूटकर छितर जाएगा। ये किरचें जन्म से लेकर मृत्यु तक कब कहाँ कैसे जुड़ती जाती...
View Articleआधुनिक बोध कथा 12- सौदा
- सूरज प्रकाशएकदेश था। देश था तो उसके वित्त मंत्री भी होंगे। अब वित्त मंत्री हैं तो जरूरी है कि पढ़े लिखे भी होंगे और अर्थव्यवस्था और विकास वगैरह की जानकारी भी रखते होंगे।अब हुआ यह कि वित्त मंत्री...
View Articleकविताः रैन बसेरा
- पारुल हर्ष बंसलस्त्री चौके में सिर्फ रोटियाँ ही नहीं बेलती बेलती है अपनी थकान पचाती है दुख सेकती है सपने और परोसती है मुट्ठी भर आसमान स्त्री चौके में ..... रात को बेलती है पति का बिस्तर घोलती है...
View Articleग़ज़लें- आई याद पुरानी उसकी
- डॉ. आरती स्मित1.आते-आते फिर आई है याद पुरानी उसकी भूला-बिसरा इक तसव्वुर, इक कहानी उसकी। इक वो मंजर गुल-गुंचों का, इक है काँटों वाला लेकिन हर मंजर में है क़ायम इक रवानी उसकी ।याद नहीं, फ़रियाद नहीं...
View Articleकविताएँः उस घर का नाम
- संजय कुमार सिंह1.मुझे नीले आसमान को मत देखने दोउसका रंग धूसर हो जाएगामुझसे इन फूलों को बचाओये जल जाएँगेमैं जिस नदी में नहाऊँगीवह सूख जाएगी।मैं अभिशप्त हूँमेरी कुण्डली में लिखा हुआ है, कि जन्म के समय...
View Articleलघुकथाः अमानत
- उर्मि कृष्णसारासामान ट्रक में लादा जा चुका था। कवि शिवा आज नए मकान में जा रहे थे, "अरी गुड़िया!"माँ ने ऊँची आवाज में पुकारा, "चल, सारा सामान लद चुका है।"चार साल की गुड़िया धीरे–धीरे चलकर बाहर आ रही थी।...
View Articleकविताः शुक्रिया तेरा
- अमृता अग्रवालशुक्रिया तेरा,मिथ्या तथ्यों से,कुछ कटु सत्यों से,मेरा, परिचय कराने के लिए।शुक्रिया तेरा,अनखुले अस्तित्व में,एक छोटी- सी खिड़की,बनाने के लिए। शुक्रिया तेरा,विस्मृति स्मृतियों को,फिर से...
View Articleलघुकथाः सोच
- हरीश कुमार 'अमित' ‘‘मुझेसमझ नहीं आता सीमा, तुम्हें साथवाले पड़ोसियों से इतनी जलन क्यों हैं? हमारे मुक़ाबले तो वे लोग ज़्यादा पैसेवाले भी नहीं हैं। सुख-सुविधा के बहुत-से साधन उनके पास नहीं हैं। अपनी...
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