Quantcast
Channel: उदंती.com
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2168

आधुनिक बोध कथा 12- सौदा

$
0
0

- सूरज प्रकाश

एकदेश था। देश था तो उसके वित्त मंत्री भी होंगे। अब वित्त मंत्री हैं तो जरूरी है कि पढ़े लिखे भी होंगे और अर्थव्यवस्था और विकास वगैरह की जानकारी भी रखते होंगे।

अब हुआ यह कि वित्त मंत्री महोदय ने एक भारी भरकम किताब लिख डाली। वित्त मंत्री की लिखी किताब है तो महँगी ही होगी।

अब वित्त मंत्री की किताब है तो वित्त मंत्रालय के आला अधिकारियों और बैंकों की चोटी पर बैठे बैंकरों को अपनी चमचई दिखानी ही थी। उच्च स्तरीय बैठकें हुईं। सभी बैंक शाखाओं के लिए टार्गेट फिक्स कर दिए गए कि इतनी प्रतियाँ बेचनी ही हैं। हमें अव्वल आना है।

किताब बेचने के लिए होड़ लग गयी।

शाखा प्रबंधक उनके भी बाप निकले।

कोई भी लोन पास कराना हो तो किताब की एक प्रति खरीदनी ही होगी। आखिर वित्त मंत्री की लिखी किताब है।

लोन लेने वालों को सौदा महँगा नहीं लगा। झट से पैसे गिन कर देते और किताब उठा लेते।

बड़े बड़े लोन लेने वाली पार्टियों ने तो आगे ठिकाने लगाने के लिए किताब की पेटियाँ उठवा लीं। किताब खूब बिकी।

बस ये मत पूछना कि किताब को ग्राहक मिले या पाठक।

डिस्‍क्‍लेमर:इस बोध कथा का किसी देश या उसके किसी भी वित्त मंत्री या किसी भी मंत्री या देश से कोई लेना देना नहीं है

kathaakar@gmail.com, 9930991424


Viewing all articles
Browse latest Browse all 2168


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>