कविता- पहाड़ यात्रा
- मधु बी. जोशी1.रोपणी ऊँची सड़क सेफूलों- सी दिखतीबहनों-बेटियों,ऐसी ही फलो-फूलोऐसे ही गाती रहोगीत सुख के, दुख केबहन का मान रखने वाले गबरूऔर मनमौजी अँछरियों के।बनी रहे तुम्हारे हाथों की जीवनीजमें रहें...
View Articleहास्य - व्यंग्य- 1. महिला दिवस पर गंभीर विमर्श
- लिली मित्रा( फरीदाबाद , हरियाणा )“अन्तर्राष्ट्रीयमहिला दिवस दस्तक देते ही, सभी सशक्त महिलाएँ सशस्त्र होकर कमर कस लें… जम कर अपने आप को अबला साबित करना है। हर महिला को पूरा अधिकार है कि वो अपने-अपने...
View Articleग़ज़ल- रंग- बिरंगा फाग
- निधि भार्गव मानवी ( गीता कालोनी, ईस्ट दिल्ली )फागुनी ऋतु आ गई हिय जागता अनुराग है ।तन बदन में घोलता रस रंग- बिरंगा फाग है ..भावनाएँ जोर करतीं हो रहा मदहोश मन ।पाँव थामे से न थमते, मन की भागम भाग है...
View Articleनवगीत- कैसे कहूँ
- शशि पाधाक्या कहूँ , कैसे कहूँइक नादानी हो गईमौसमों से आज मेरीछेड़खानी हो गई ।फागुनी बयार कीकैसी मन मर्जियाँउड़ने लगी हवाओं मेंप्रीत की अर्ज़ियाँउलझ गई डोरियाँ, रूह रुमानी हो गई ।देखते -देखते इक कहानी...
View Articleताँका- राधा अधीर कान्हा की बांसुरी पे...
- कृष्णा वर्मा1.छंदोबद्ध- सीगंध उतर आईशहनाई - सीफागुन पुरवाईपगलाई ख़ुदाई।2.छाई बहारइंद्रधनुषी रंगभीगा जो प्यारबिम्बांकित हो गयाआंतरिक संसार।3.उमंग अंधफागुनी हवाओं मेंजादुई नशासठियाए वृक्षों कोबासंती...
View Articleग़ज़ल- होली में
- विनीत मोहन 'फ़िक्र सागरी' कभी तो कुर्ब में आकर, मिलो दिलदार होली में..मुहब्बत का जुबाँ से भी, करो इजहार होली में..खिले हर सिम्त गुल, कचनार, जूही औ चमेली के,फिजाँ ने भी किया है, इश्क का इकरार होली...
View Articleव्यंग्य- ऑनलाइन कार्यक्रम के लिए ऑफलाइन हिदायतें
-जवाहर चौधरी“कविताकैसी भी हो चलेगी, लेकिन कुरता साफ, स्तरी किया हुआ होना चाहिए। पिछली बार आपके कुरते पर पान की पीक गिरी दिख रही थी। दाढ़ी रखते हैं ! अच्छी बात हो सकती है, लोग कहते हैं कि कवियों को...
View Articleदो कविताएँ- 22 मार्च विश्व जल दिवस
-डॉ. कविता भट्ट1. हाँ स्त्री समुद्र हैहाँ, स्त्री समुद्र है- उद्वेलित और प्रशान्तमन के भाव ज्वार-भाटा के समानविचलित और दुःखी करते हैं उसे भीहो जाती है जीवमात्र कुछ क्षणों के लिए।किन्तु; पुनः स्मरण...
View Articleमहिला दिवस- अरी ओ नारी!
- डॉ. शिप्रा मिश्राजहाँजीवन की सारी संभावना, समाप्त हो जाती हैं , वहीं से अदम्य साहस और अपरिमित ऊर्जा के साथ नारी का जन्म होता है। प्रकृति ने तो उसे सर्वशक्तिमान बना कर ही भेजा है; परन्तु अफसोस! वह...
View Articleमहिला दिवस- या देवि...
-डॉ. सुशीला ओझा(बेतिया, पश्चिम चम्पारण, बिहार, मो।. 9123276098)जड़ चेतन, समस्त चराचर में पुरुष प्रकृति के मिलन से सृष्टि का संचालन होता है.. आकाश निष्क्रिय है.. धरती सक्रिय है.. नारियों का...
View Articleकविता- मुखड़ा हुआ अबीर
- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’मुखड़ा हुआ अबीर लाज सेअंकुर फूटे आस के।जंगल में भी रंग बरसे हैंदहके फूल पलाश के.. मादकता में डाल आम कीझुककर हुई विभोर है।कोयल लिखती प्रेम की पातीबाँचे मादक भोर है.. खुशबू...
View Articleपर्व - संस्कृति- कहाँ गई वो गाँव की होली
- कमला निखुर्पा(प्राचार्या केन्द्रीय विद्यालय पिथौरागढ़)मार्च का महीना है ...आज होली का त्योहार है ... मोबाइल में होली मनाई जा रही है (भई दो दिनों से लगातार मोबाइल पर होली के एक से बढ़ के एक मैसेज,...
View Articleपर्व - संस्कृति- बस्तर की फागुन मड़ई
- रविन्द्र गिन्नौरेravindraginnore58@gmail।comहोली हँसी- ठिठोली और रंग -मस्ती से सराबोर होती है। बस्तर के आदिवासियों की होली अपने अलग अंदाज में मनाई जाती है। आदिवासी अपने रीति-रिवाजों को संजोए हुए...
View Articleअनकही- उन्नति की दिशा में बढ़ते स्त्री के कदम
- डॉ. रत्ना वर्मास्त्री और पुरुष के बीच बराबरी के हक की लड़ाई अभी भी जारी है, आगे न जाने कब तक जारी रहेगी। 8 मार्च को पूरी दुनिया में महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के अधिकार और...
View Articleउदंती.com, मार्च- 202
वर्ष-14, अंक-7रँग गई पग-पग धन्य धरा,हुई जग जगमग मनोहरा । - सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’अनकहीः उन्नति की दिशा में बढ़ते स्त्री के कदम- डॉ. रत्ना वर्मा पर्व-संस्कृतिः बस्तर की फागुन मड़ई -...
View Articleप्रेरकः लाल फूल वाला पेड़
- निशांतबहुतपुरानी बात है। किसी राज्य में लोग लाल फूल वाले एक पेड़ की बात किया करते थे; लेकिन किसी ने भी कभी उस पेड़ को नहीं देखा था। उस राज्य में चार राजकुमार भाई थे। उन सभी ने उस पेड़ को ढूँढ निकालने...
View Articleजीवन दर्शनः मुडा: एक जापानी मंत्र- काल करे सो आज कर
-विजय जोशीपूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल, भोपाल (म. प्र.) संसारमें प्रबंधन के क्षेत्र में सुचारू संचालन के लिये जापान ने सर्वाधिक योगदान दिया है। यह उनकी प्रतिबद्धता के साथ ही देश प्रेम का भी सूचकांक...
View Articleविज्ञानः साफ-सफाई की अति हानिकारक हो सकती है
स्वच्छताका एक नकारत्मक पहलू भी हो सकता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि सफाई के लिए सुगंधित उत्पादों का उपयोग करने से लगभग उतने ही वायुवाहित सूक्ष्म कणों का उत्पादन होता है जितना शहर की...
View Articleकविताः मेरी धरती
- मंगला शर्मामेरी धरती - तुम्हारा आकाश छू नहीं सकतीऐसा नहीं हैकुछ भ्रम जरूरी हैंइसी से तुम्हारा आकाशअछूता है मेरी ज़मीं के लिए तुम्हारे उन प्रश्नों का जवाबमेरे ज़ेहन में न होऐसा भी नहीं हैउन प्रश्नों की...
View Articleकिताबेंः डॉक्टर साहिबा का डॉगीज़ बीमार है
- नूतन मिश्रासमीक्ष्य कृति- मैडम का डॉगी बीमार है ( व्यंग्य संग्रह), लेखकः सूरज प्रकाश, प्रकाशक: अद्विक प्रकाशन , पृष्ठ संख्या : 128 पेज, मूल्यः 160 रु.वरिष्ठ रचनाकार सूरज प्रकाश का नया व्यंग्य संग्रह...
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