बाल कविताः मैं भी झूमूँ गाऊँ
- श्याम सुन्दर श्रीवास्तव ‘कोमल’गीत सुनाते पंछी प्यारे, भौंरे गाएँ गाना ।मोर नाचता पंख पसारे,देखो दृश्य सुहाना । फूल खिले हैं रंग-बिरंगे,जो सुगंध फैलाते ।मधु पराग के लोभी भौंरे,हैं उन पर मँडराते । आम...
View Articleउर्दू व्यंग्यः कस्टम डिपार्टमेंट में मुशायरा
मूल रचना – इब्ने इंशा, अनुवाद – अखतर अलीकस्टमडिपार्टमेंट में एक भव्य मुशायरे के आयोजन की योजना बनी और शायरों से संपर्क किया गया; क्योंकि आयोजन कस्टम वालों का था सो शायरों को भी अच्छे पारिश्रमिक की...
View Articleलघुकथाः मिल्कियत
- संदीप तोमरकहाँ घुसे चले आ रहे हो?- सरकारी शौचालय के बाहर खड़े जमादार ने अंदर घुसते हुए भद्र को रोकते हुए कहा।हाजत लगी है। -भद्र पुरुष ने जवाब दिया।तुम ऐसे चुपचाप नहीं जा सकते। -जमादार ने प्रत्युत्तर...
View Articleदो लघुकथाएँः
1. वात्सल्य की हिलोरें- सुधा भार्गवसोहरगाई जा रही थी । सोहर गीत पीड़ा और आनंद के खट्टे - मीठे अनुभवों से लबालब भरे हुए थे। जच्चा बनी वह बिस्तर पर लेटे प्रसव की पीड़ा को भुला मातृत्व के अनोखे आनंद में...
View Articleयात्रा संस्मरणः नेतरहाट- बाँस के जंगल या चीड़ वन
- रश्मि शर्माबचपनसे सुना है नेतरहाट के बारे में। एक तो वहाँ का सूर्योदय और सूर्यास्त, दूसरा नेतरहाट विद्यालय, जो अपनी शिक्षा के कारण बेहद प्रसिद्ध है। बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में माना जाता था कि...
View Articleकहानीः फ़ैसला
- प्रेम गुप्ता ‘मानी’सुबहनींद जल्दी खुल गई नैना की...यही कोई सवा छह बजे। पर वह उठ नहीं पा रही थी, सिर में बहुत तेज़ दर्द था । लगता था जैसे सिर की सारी नसें चटक जाएँगी और उसके चटकने से पूरा चेहरा ही...
View Articleफिल्मः इतिहास का तथ्यात्मक सत्यः ‘द कश्मीर फाइल्स’
इतिहासतथ्य, घटना और साक्ष्य के सत्य पर आधारित होता है। 32 साल पहले कश्मीर की धरती पर पंडित एवं अन्य हिंदुओं के साथ हत्या, अत्याचार और दुराचार की एक नहीं अनेक तथ्यात्मक घटनाएँ घटी थीं। नतीजतन चार से सात...
View Articleकविताः यूक्रेन युद्ध
- बसन्त राघव....क्या हो गया हैइस बदहवास भीड़ को!क्यों भागे जा रहे हैं बेतहाशाक्यों है इतनी बेचैनीछोड़ने की ..अपने वतन को....सहमें हुए हैंघायल रक्त रंजित वृद्ध, बच्चे, स्त्रियाँभागे जा रहे हैं, भागे जा...
View Articleआधुनिक बोध कथा- 4ः गधे की कीमत
- सूरज प्रकाश एकथा कुम्हार। उसके पास थे बहुत सारे गधे। वैसे तो कुम्हार का अपना पुश्तैनी धंधा था; लेकिन बदलते बाज़ार के तेवर देखते- देखते उसने कई तरह के धंधे अपना लिये थे। इस वजह से उसका कारोबार भी बढ़...
View Articleपृथ्वी दिवसः पेड़ श्रीमद् भगवद् गीता का संदेश सुनाते हैं
- समीर उपाध्यायमैं पेड़ हूँ।हे संवेदन शून्य....!मुझे मत काटो! मत काटो! मत काटो!पीड़ा मुझे भी होती है,मन मेरा भी रोता है।सजीव हूँ, पत्थर तो नहीं!ज़मीं में अपनी जड़ें जमाता हूँ।कई वर्षों तक तपस्या करता...
View Article22 अप्रैल- विश्व पृथ्वी दिवसः पृथ्वी और मानवता को बचाने के लिए आहार
- ज़ुबैर सिद्दिकीजलवायुपरिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसे शब्द अब हमारे लिए अनजाने नहीं हैं। बढ़ते हुए वैश्विक तापमान से निकट भविष्य में होने वाली समस्याओं के संकेत दिखने लगे हैं। इनको सीमित करने के लिए...
View Articleकविताः युद्ध के बीच
- डॉ. नूतन गैरोलायुद्ध के बीच-1वे जो मारे जा रहे हैंऔर वे जो मार रहे हैदोनों मर रहे हैंमारते-मरते वे खुद को मरने से बचातेमार रहे है क्योंकि वे मरना नहीं चाहतेउन्हें झोक दिया गया है युद्ध के मैदान मेंजो...
View Articleआज़ादी का अमृत महोत्सवः ‘स्व’ की पुनर्स्थापना
- अरुण शेखर ( अभिनेता, लेखक)हम स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। आज़ादी का अमृत महोत्सव। हमारे जीवन में यह समय आया, यह गर्व और गौरव की बात है। निश्चित रूप से हमने दुनिया में अपना स्थान बनाया...
View Articleआलेखः विज्ञान सम्मत है भारतीय काल-गणना
- प्रमोद भार्गव विक्रमसंवत का पहला महीना है चैत्र। इसका पहला दिन गुड़ी पड़वा कहलाता है। ब्रह्म-पुराण में कहा गया है, इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी। इसलिए इसे नया दिन कहा गया। भगवान श्री राम...
View Articleअनकहीः बच्चे पढ़ना- लिखना भूल गए?
-डॉ. रत्ना वर्माकोरोनाकालमें स्कूलों की पढ़ाई बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है, जिसका नुकसान स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा हुआ है । लगभग 16 महीने तक स्कूल बंद रहे। ऑनलाइन पढ़ाई की कोशिश की गई; परंतु वह कितनी...
View Articleउदंती.com, अप्रैल- 2022
वर्ष- 14, अंक- 8शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है, जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता और भविष्य को आकार देता है। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद करते हैं, तो यह मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा।...
View Articleजीवन दर्शन- मार्श मेलो थ्योरी- धैर्य की धारणा
-विजय जोशी, पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल, भोपाल (म. प्र.)जीवन में कर्म के पथ पर हमारा प्रयास शीघ्रातिशीघ्र सफलता प्राप्त करने का होता है। पर इसमें अनेक बार अवरोध भी अनिवार्य हैं, जिनका प्रयास हमारे...
View Articleकविताएँः 1. चार गुना सुंदर दृश्य
- केशव शरण1.अपनी दो आँखों से देखाकोई दृश्य मुझेजितना सुंदर लगता हैउसका चार गुनाचार आँखों सेमुझे दो आँखें ढूंढ़नी हैं चार टांगें होती हैं तोरास्ता हँसते-बोलते कट जाता हैऔर दृश्य भीचार गुना नज़दीकनज़र...
View Articleकिताबेंः यथार्थ से साक्षात्कार कराती लघुकथाएँ
- नमिता सचान सुंदरसमीक्ष्य कृति- धूप के गुलमोहर (लघुकथा-संग्रह), प्रथम संस्करण- 2021 लेखकः ऋता शेखर’मधु’, प्रकाशक: श्वेतांशु प्रकाशन- नई दिल्ली, पृष्ठ: 188, मूल्य: 340/-अपने नाम को सार्थक करता ऋताशेखर...
View Articleदो लघुकथा 1. विकलांग
-माधव नागदा लँगड़ाभिखारी बैसाखी के सहारे चलता हुआ भीख माँग रहा था, “तेरी बेटी सुख में पड़ेगी, अहमदाबाद का माल खायेगी, बंबई(मुंबई) की हुंडी चुकेगी । दे दे सेठ लँगड़े को रुपये-दो रुपये।” उसने एक साइकिल...
View Article