कविताः सूरज ले आएँ
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ बहुत अँधेरा है बहुत उदासी है हवा बेरहम है कितनी प्यासी है! चीर अँधेरों को सूरज ले आएँ। आँसू हम पोंछें, ज़रा मुस्कुराएँ। निराशा को छोड़ें,...
View Articleआलेखः जीवन अनमोल है
-डॉ. पद्मजा शर्मा अबमाँ नब्बे साल की हो रही है। अबके भाई ने वाटसेप पर फोटो भेजी। माँ फोटो में झूले पर बैठी है। देखा तो दिल बैठ सा गया। कितनी कमजोर हो गई है। मेरी आँखें भर आई। पति ने कहा इस उम्र में...
View Articleआलेखः सुख-दुःख में समभाव
- अगरचन्द नाहटासुख और दुख जीवन के दो विशिष्ट पहलू हैं, जिन परभारतीय मनीषियों ने बहुत गंभीरचिन्तन किया है।विश्व का कोई भी प्राणी दुःख नहीं चाहता, पर वहमिलता अवश्य है।इसी तरह सभी प्राणी सुख चाहतेहैंऔर...
View Article- श्रद्धांजलिः निधन 29 अप्रैल 2021
कुँअर बेचैन की दो ग़ज़लें1. मौत तो आनी है तो फिर मौत का क्यूँ डर रखूँ मौत तो आनी है तो फिर मौत का क्यूँ डर रखूँ ज़िंदगी आ तेरे क़दमों पर मैं अपना सर रखूँ जिस में माँ और बाप की सेवा का शुभ संकल्प हो...
View Articleश्रद्धांजलिः निधन 22 अप्रैल 2021
सुनील जी हमारे दिलों में सदा रहेंगे-डॉ. जेन्नी शबनमस्तब्ध हूँ!अवाक् हूँ! मन को यकीन नहीं हो पा रहा कि सुनील मिश्र जी अब हमारे बीच नहीं हैं। कैसे यकीन करूँ कि एक सप्ताह पूर्व जिनसे आगे के कार्यक्रमों...
View Articleव्यंग्यः लोकार्पण
-नरेन्द्र कोहलीप्रकाशक-1 का फ़ोन आया कि मेरी पुस्तक छप गई है और उसका लोकार्पण पुस्तक मेले में 11 फरवरी को पाँच बजे होगा। मैंने स्वीकृति दे दी। न देता, तो क्या करता। लोकार्पण तो मेरी अनुपस्थिति में भी...
View Articleश्रद्धांजलिः निधन 17 अप्रैल 2021
मेरे साक्षात्कार -नरेन्द्र कोहलीऐसाकभी-कभी ही होता है कि आपका कोई पाठक, मित्र, समीक्षक, छात्र...
View Articleअनकहीः मैं अभी हारा नहीं हूँ...
- डॉ. रत्ना वर्माहमारे आस- पास लॉकडाउन का सन्नाटा तो है ही, पर जो सन्नाटा दिलो-दिमाग पर छाया हुआ है वह बेहद डरावना है। ऐसे समय में कोई अगर कहे कि बहुत हो गया कोरोना, कोरोना... किसी और विषय पर लिखो, तो...
View Articleउदंती.com, मई- 2021
वर्ष- 13, अंक- 9जो व्यक्ति मानवता की सेवा नहीं कर सकता, वह ईश्वर की भी आराधना करने के लायक नहीं।इस अंक मेंअनकहीःमैं अभी हारा नहीं हूँ...-डॉ. रत्ना वर्माश्रद्धांजलिःमेरे साक्षात्कार -नरेन्द्र...
View Articleआवरण एवं भीतर के पृष्ठों पर संदीप राशिनकर के चित्र
उदंती जून 2021 के मुखपृष्ठ में प्रकाशित चित्र के साथ भीतर के विभिन्न पृष्ठों पर बिखरे अनेक खूबसूरत चित्र श्री संदीप राशिनकर द्वारा बनाए हुए हैं। 7 मई 1958 को इंदौर में जन्में और बी.ई.( सिविल )में...
View Articleग़ज़ल- पत्थर
-अशोक अंजुमपत्थर से टकराए पत्थर शीशे से घबराए पत्थर तुमने सदा मनाए पत्थर इसीलिए इतराए पत्थर हम तो खुशबू बाँट रहे थे बस्ती ने बरसाए पत्थर शिल्पकार भी शीश झुकाए मंदिर में मुस्काए पत्थर इंसानों की राह...
View Articleकविता- सूरज
-प्रियदर्शी खैरा पक्के बंद कमरों में सूरज नहीं घुसता कच्चे मकानों में छप्पर की दरारों से दीवारों पर सूरज उतरता सरकता हुआ फर्श पर चलता कोई नटखट बच्चा सूरज को मुट्ठी में बंद करने मचलता मुट्ठी से सूरज...
View Articleदो कविताएँ
-जसवीर त्यागी1, झरे हुए फूलडालियों पर खिले हुएरंग-बिरंगे ढेर सारे फूल देखते ही देखतेआँखों के सामनेझर गये ह्रदय को बींध जायेजैसे कोई जंगली शूल दूर से ही चुभती हैसूनी-सूनी डालऔर झरे हुए फूल।2. तौलजिसके...
View Articleलघुकथा- लास्ट स्ट्रोक
-पूनम सिंहअंतरास्ट्रीयस्तर पर होने वाली चित्रकारी प्रतियोगिता हेतु देश - विदेश से कलाकार शिरकत कर चुके थे और ज्वलंत विषय पर चर्चा की गूंज थी।वो चित्रकारी में हिन्दुस्तान का चेहरा था और राष्ट्रीय...
View Articleलघुकथा- लड़ाई
- रमेश बतराससुर के नाम आया तार बहू ने लेकर पढ़ लिया। तार बतलाता है कि उनका फौजी बाँका बहादुरी से लड़ा और खेत रहा....देश के लिए शहीद हो गया है।‘‘सुख तो है न बहू!’’ उसके अनपढ़ ससुर ने पूछा, ‘‘क्या लिखा...
View Articleजीवन दर्शन- मानस में नारी महिमा और तुलसीदास
-विजय जोशी (पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल , भोपाल) राममर्यादा पुरुषोत्तम थे और उन्हें जनमानस तक पहुँचाने का काम किया गोस्वामी तुलसीदास ने। रामचरित मानस मूलत: धार्मिक ग्रंथ न होकर जन जन से जुड़ी...
View Articleकिताबें- जापानी काव्य-शैलियों की विशिष्ट कृति- ‘तीसरा पहर’
-डॉ. शिवजी श्रीवास्तवतीसरा पहर(ताँका-सेदोका-चोका संग्रह):रामेश्वर काम्बोज‘हिमांशु’ मूल्य-100/-, पृष्ठ: 80, संस्करण-2020; प्रकाशक-अयन प्रकाशन, 1/20, महरौली, नई दिल्ली-110030 श्री रामेश्वर...
View Articleकहानी- 80 का प्रवेश द्वार
-सुधा भार्गववर्ष 80का प्रवेश द्वार मेरे लिए बड़ा रोमांचक अकल्पनीय और सुखद आश्चर्य से भरा सिद्ध हुआ। जिसके कारण कोरोना से तप्त संतप्त हृदय कुछ समय के लिए हरहरा उठे। बड़े बेटे ने कहना शुरू कर दिया था...
View Articleस्वास्थ्य- काली फफूँद का कहर: म्यूकरमायकोसिस
-डॉ. भोलेश्वर दुबे, डॉ. किशोर पवारकरीबडेढ़ साल से पूरी दुनिया में वायरस जनित रोग कोविड-19 से त्राहि-त्राहि मची हुई है। कोविड-19 से जैसे-तैसे मरीज़ अपनी जान बचाकर राहत महसूस करे उसके पहले ही एक और विकट...
View Articleकोरोनाः विज्ञान की उपेक्षा की मानवीय कीमत
कुछसप्ताह पूर्व ब्राज़ील में कोविड से होने वाली मौतों ने 4 लाख का आँकड़ा पार कर लिया। कुछ ऐसी ही स्थिति भारत में भी देखी जा सकती है जहाँ प्रतिदिन लगभग 3500 लोगों की मृत्यु हो रही है। इसके चलते विश्व भर...
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