हास्य व्यंग्य
मंगल ग्रह पर पानी - सुशील यादवबेटर-हाफने लगभग अंतिम चेतावनी का ऐलान किया, खाना लगा रही हूँ, अब आते हैं, या वहीं नेट में थ्रू 'व्हाट्स-एप’ भिजवा दूँ? पता नहीं सुबह से शाम क्या सर्च करते...
View Articleटेक्नॉलॉजी
आप जो सोच रहे हैं वह टाइप हो जाएगा!! - सुबोध जोशीविशेषआवश्यकता वाले व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता, सक्रियता और गरिमा बनाए रखने और बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक निरंतर प्रयास कर रहे हैं। किसी बीमारी, स्वाथ्य...
View Articleलघुकथा
1. लड़ाई- खलील जिब्रान (अनुवाद: सुकेश साहनी)उसरात महल में दावत थी। तभी एक आदमी वहाँ आया और राजा के सम्मुख दण्डवत् हो गया। दावत में उपस्थित सभी लोग उसकी ओर देखने लगे- उसकी एक आँख फूटी हुई थी और रिक्त...
View Articleप्रेरक
मानवता का सबक - निशांत मिश्रामैं दिलीप मेनेज़ेस को नहीं जानता। उनके फेसबुक प्रोफाइल से पता चलता है कि वे गोवा में आल्टो पोरवोरिम में रहते हैं और अपनी बाइक पर दूर-दराज़...
View Articleकहानी
मोलाना- शहादतफज़रकी नमाज़ पढऩे के बाद सकीला ने दरवाज़े से झांका तो नमाज़ी लोग मस्जिद में नमाज़ के लिए जा रहे थें। उसने सोचा कि चलो अभी तो नमाज़ भी नही हुई। जमात होने से पहले ही वह घूम कर आ जाएगी। उसने...
View Articleप्रकृति
पंछियों की दुनिया से... - दीपाली शुक्लाबालकनी में कबूतरों का डेरा न जमा होता तो पंछियों की दुनिया से जुडऩे का मौका ही न मिला होता। उनको देखना एक दिलचस्प अनुभव है और उससे भी कहीं...
View Articleपर्व-संस्कृति
भादो का महीनाऔर छत्तीसगढ़ का तीजा-पोला - सुशील भोलेछत्तीसगढ़की मूल संस्कृति सृष्टिकाल की संस्कृति है, इसीलिए उस काल और संस्कार को आज भी यहाँ जीवंत रूप में देखा जाता है। यहाँ की संस्कृति में भादो महीने...
View Articleआजादी का गीत
राष्ट्रगीत के सम्मान में न्यायालय का निर्णय - लोकेन्द्र सिंहभारतीयसंविधान में 'वंदेमातरम्’ को राष्ट्रगान 'जन-गण-मन’ के समकक्ष राष्ट्रगीत का सम्मान प्राप्त है। 24जनवरी, 1950को...
View Articleकितना सर्जन, कितना विसर्जन
महासागर तक पहुँचने की शिक्षाप्रस्तुत लेख सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन के 67वें स्थापना दिवस के अवसर पर 19 दिसंबर 2014 को अनुपम मिश्रद्वारा दिए गए व्याख्यान का अंश है, वे पर्यावरणविद् और जल...
View Articleअनकहीः
आज़ादी और आम आदमी - डॉ. रत्ना वर्मा15अगस्तके दिन सुबह- सुबह लाउडस्पीकर से ऐ मेरे वतन के लोगों...., ये देश है वीर जवानों का, झंडा ऊँचा रहे हमारा... जैसे ओज़ से भरे गीत कानों में सुनाई देने लगते हैं। तब...
View Articleइस अंक में
उदंती.com अगस्त-2017हर वर्ष एक बुरी आदत को मूल से खोदकर, फेंका जाए तो कुछ ही वर्षों में बुरे से बुरा, व्यक्ति भला हो सकता है। - सुकरातअनकही:आज़ादी और आम आदमी -रत्ना वर्माकितना सर्जन, कितना...
View Articleप्रदूषण
मूर्ति विजर्सन में रसायन विज्ञान काउपयोग - नवनीत कुमार गुप्ताराष्ट्रीय हरित प्राधिकरण यानी एनजीटी ने प्लास्टर ऑॅफ पेरिस (पीओपी) प्रतिमाओं पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है, और देश के कई हिस्सों में इस...
View Articleहास्य व्यंग्य
बॉस का गधा-सुमित प्रताप सिंह, नई दिल्लीमेराबॉस अक्सर मुझे गधा कहता है। वैसे तो कहावत है बॉस इका ऑलवेज राइट और मैं इस कहावत को पूरे दिलो-दिमाग से स्वीकार भी करता हूँ पर वो कहते हैं न कभी-कभी कहावत भी...
View Articleदो कविताएँ
आँसू - कृष्णा वर्मा1.छिपती ना भीतर की पीड़ाआँसू चुगली खोरझट कोरों पे आन बैठतेमौन मचाए शोरबड़े सहोदर मन भावों केपकड़े रखते डोरव्यथा हृदय की लाख छिपाऊँपकड़ा देते छोरहर दुख-सुख में पिघल पड़ेंदिल के हैं...
View Articleलघुकथा
एकसवारी- अंकुश्रीवहबहुतजल्दीबाजीमेंथा।तेजीमेंजबटैक्सीस्टैण्डपहुँचातोआवाजसुनाईपड़ी, 'एकसवारी, एकसवारी।’ उसेखुशीहुईकिटैक्सीकीसवारीपूरीहो गई है, मात्रएकसवारीकेलिएरुकीहुईहै।उसकेबैठतेहीटैक्सीखुलजाएगी,...
View Articleगीत
हिन्दी मुस्काई- डॉ. ज्योत्स्ना शर्माबरस बीतते एक दिवस तोमेरी सुध आईमन हिन्दी मुस्काई।गिट-पिट बोलें घर बाहर सबनाती और पोतेनन्ही स्वीटी रटती टेबलखाते और सोतेखूब पार्टी घर में अम्माबैठी सकुचाईमन हिन्दी...
View Articleदो ग़ज़लें
कश्ती माँझी की...- डॉ. जया 'नर्गिस’1कायदे हैं अजब तेरे घर केमोम के होंठ, बोल पत्थर केकश्ती माँझी की भूल से डूबीसर पे इल्ज़ाम क्यूँ समुंदर केसच बहरहाल मेरा साथी हैजीना आता, नहीं मुझे डर केधूप का ताज...
View Articleजीवन दर्शन
जियो तो ऐसे जियो- विजय जोशी(पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल, भोपाल)मानव जीवन में एक बात बड़ी स्पष्ट है और वह यह कि आदमी धरती पर बगैर नाम के आता है और नाम के साथ जाता है। अब यह उस पर निर्भर है कि वह कैसे...
View Articleकहानी
एक बीमारआदमी- आलोक कुमार सातपुतेशहरीकॉलोनी के आख़री छोर पर स्थित उस मकान के हॉल में रखे हुए डायनिंग टेबल की कुर्सियों पर आमने-सामने दो व्यक्ति बैठे हुए हैं। उनमें से एक की खिचड़ी दाढ़ी, उसकी अधेड़ावस्था...
View Articleखोज
क्या पानी का स्वाद होता है?यह बहस बहुत पुरानी है कि पानी का अपना कोई स्वाद होता है या वह सिर्फ विभिन्न स्वादों का वाहक है। अब तक यही मत बना है कि हमारी जीभ पाँच स्वादों को भाप सकती है - नमकीन,...
View Article