लघु कथाएँ - कमल चोपड़ा
खेलने के दिनस्टोरखिलौनों से भर गया था। पत्नी का विचार था कि उन्हें किसी कबाड़ी के हाथों बेच दिया जाए और जगह खाली कर ली जाए, क्योंकि बच्चे बड़े हो गए हैं और अब उन खिलौनों की तरफ देखते भी नहीं थे। कुछ को...
View Articleलघु कथाएँ - श्याम सुन्दर अग्रवाल
टूटी ट्रेकमरे के दरवाजा थोड़ा-सा खुला तो किशोर चंद जी भीतर तक काँप गए। उन्होंने अपनी ओर से बहुत सावधानी बरती थी। सुबह आम दिनों से घंटा भर पहले ही उठ गए थे। टूथब्रश बहुत धीरे-धीरे किया ताकि थोड़ी-सी भी...
View Articleलघु कथाएँ - रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
छोटे- बड़े सपने...तीनों बच्चे रेत के घरौंदे बनाकर खेल रहे थे।सेठ गणेशीलाल का बेटा बोला 'रात मुझे बहुत अच्छा सपना आया था।''हमको भी बताओ।'दोनों बच्चे जानने के लिए चहके।'उसने बताया 'सपने में मैं बहुत दूर...
View Articleलघुकथाएँ - सुभाष नीरव
बीमारचलो,पढ़ो।तीन वर्षीय बच्ची किताब खोलकर पढऩे लगी- अ से अनाल... आ से आम... एकाएक उसने तुतलाते हुए पूछा- पापा, ये अनाल क्या होता है ?यह एक फल होता है, बेटे। मैंने उसे समझाते हुए कहा, इसमें लाल- लाल...
View Articleलघु कथाएँ - सुकेश साहनी
ज़िदगीपेट में जैसे कोई आरी चला रहा हैं... दर्द से बिलबिला रहा हूँ....। पत्नी के ठंडे, काँपते हाथ सिर को सहला रहे हैं। उसकी आँखों से टपकते आँसुओं की गरमाहट अपने गालों पर महसूस करता हूँ। उसने दो दिन का...
View Articleलघुकथाएँ -रमेश बतरा
दुआवह दफ्तर में था। शहर में दंगा हो गया है, यह खबर ढाई बजे मिली। वह भागा और जिन्दगी में पहली बार शाम का अखबार खरीद लिया। दंगा उसी इलाके में हुआ था, जहाँ उसका घर था। यह जानते हुए भी कि उसके पास पैसे...
View Articleलघुकथा -रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
संचेतना एवं अभिव्यक्तिरचनाजीवन की अभिव्यक्ति है। जीवन का प्रवाह ही रचना का प्रवाह है और यही उसका मानदण्ड भी। किसी भी विधा का मूल्यांकन बाहर से थोपे गए मानदण्डों से नहीं हो सकता। विकासशील विधा को कुछ...
View Articleइस अंक में
उदंती.com लघुकथा विशेष जनवरी- फरवरी 2015 सबसे जीवित रचना वह है जिसे पढ़ने से प्रतीत हो कि लेखक ने अंतर से सब कुछ फूल सा प्रस्फुटित किया हो। - शरतचन्द्र...
View Articleपर्यावरण विशेषः गाँधी जी का संदेश
विलासिता की राह छोडऩी होगीपिछले दो दशकों के दौरान यह तो स्पष्ट हो गया है कि जलवायु बदलाव का संकट अत्यंत गंभीर है परंतु इसे रोकने की असरदार कार्यवाही अभी नहीं हो सकी है। हाल में उपलब्ध हुए आंकड़े यही...
View Articleपर्यावरण विशेषः भारत के महानगरों को मारेगा मौसम
कुछ यूं कि आधा किलो डब्बे में दो किलो सामानमैपलक्रोफ्टने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, 'इन शहरों में बढ़ती जनसंख्या का खराब प्रशासन, गरीबी, भ्रष्टाचार सहित अन्य सामाजिक आर्थिक कारण हैं जो निवासियों और...
View Articleपर्यावरण विशेष
गर्म होती धरती औरकम होती फसलतपती धरती के चलते बढ़ता समुद्र स्तर, पिघलते ग्लेशियर, अंटार्टिक का पिघलता बर्फ वगैरह तोप्राय: समाचारों में छाए रहते हैं। मगर धरती के गर्म होने का फसल उत्पादन पर सीधा क्या...
View Articleपर्यावरण विशेष
किसबात ने उन्हें अपने वनों की रक्षक बनने और इतना हरा बनाने के लिए प्रेरित किया- इस एक प्रश्न के जवाब में मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के अट्टा गांव की एक भील महिला, दहेली बाई ने कहा, 'मुझे बहुत गुस्सा...
View Articleपर्यावरण विशेष
संकट के भूरे बादल- प्रो. राधाकांत चतुर्वेदीएशिया के 13 महानगरों जैसे मुम्बई, कलकत्ता, दिल्ली, बेजिंग, शंघाई, काहिरा, बैंकाक इत्यादि पर तो इन संकट के बादलों का इतना घना जमावड़ा देखा जा रहा है कि इससे...
View Articleपर्यावरण विशेषः सिक्के का दूसरा पहलू
प्लास्टिक का कोई विकल्प है?- नीरज नैयरऐसे वक्त में जब प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को लेकर बहस छिड़ी हुई है, यह कहना से यस टू प्लास्टिक किसी के गले नहीं उतरने वाला। वैसे गले उतरने वाली बात भी नहीं है,...
View Articleपर्यावरण विशेषः परंपरा
हमारे लोक देवता वृक्ष-डॉ. खुशालसिंह पुरोहितदुनिया में सभी प्राचीन सभ्यताओं का आधार मनुष्य का प्रकृति के प्रति प्रेम और आदर का रिश्ता है। इसी में पेड़, पहाड़ और नदी का अवतार के रुप में मनुष्यों,...
View Articleपर्यावरण विशेष
दुनिया का कूड़ाघर बनता भारत - नरेन्द्र देवांगनविकसित देश भारत को जिस तरह अपना कूड़ाघर बनाने का प्रयास कर रहे हैं उससे इसकी छवि दुनिया में सबसे बड़े कबाड़ी के रूप में...
View Articleपर्यावरण विशेष
खान-पान की आदत बदल कर बचाएँ पर्यावरण -एस. अनंत नारायणनमांसाहार और पशु पालन के व्यवसाय से कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस का 18 प्रतिशत उत्पन्न होता है, जो दुनिया भर के यातायात साधनों द्वारा उत्पन्न कुल...
View Articleपर्यावरण विशेष
जंगल के उपकार मिट्टी, पानी और बयारकागज बचाएंगे तो वन बचेगा। लिफाफों को बार-बार उपयोग करें।...
View Articleपर्यावरण विशेष
बढ़ती आबादी के खतरे- डॉ. वाई. पी. गुप्ता-------------------बढ़ते वाहन, ताप बिजली घर और औद्योगिक इकाइयां दिल्ली में मुख्य प्रदूषक हैं। यहां के 51 लाख से अधिक वाहन 65 प्रतिशत वायु प्रदूषण के लिए...
View Articleपर्यावरण विशेषः प्रकृति के नियम से छल
सब कुछ पाने की लालसा - बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणअगर समुद्र का जलस्तर दो मीटर बढ़ गया तो मालद्वीप और बांग्लादेश जैसे निचाई वाले देश डूब जाएंगे। इसके अलावा...
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