पर्यावरण विशेष
हरित भवन परम्परा की ओर लौटना होगा- के. जयलक्ष्मीभवनोंमें हरित तकनीकों का इस्तेमाल करने से न केवल ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होगा, बल्कि बिजली व पानी पर लागत भी घटेगी। इसके लिए डिजाइन के स्तर पर...
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विज्ञान की रक्षक भूमिका- भारत डोगराजलवायु बदलाव की समस्या बहुत आगे जा चुकी है व संतोषजनक समाधान के लिए बहुत कम समय बचा है, अत: वैज्ञानिकों से कुछ अधिक सक्रिय रक्षक भूमिका निभाने की उम्मीद है।जैसे- जैसे...
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नदी पर्यटनपर्यावरण को दांव पर लगा के नहीं- वी. के. जोशीगंगा सदैव से पूजनीय, पाप- विमोचिनी माता समान मानी गई है। एक डुबकी मात्र से समस्त पाप धुल जाते हैं ऐसी मान्यता है। आज भी ऋषिकेश में देश- विदेश से...
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प्रकृति और पर्यावरण - डॉ. रत्ना वर्मापर्यावरणमें हर साल हो रहे बदलाव इस बात का संकेत है कि हम विनाश के कगार पर पहुँचते चले जा रहे हैं। अपने आस पास के वातावरण से हमने इस कदर छेडख़ानी की है कि पृथ्वी का...
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उदंती मार्च-अप्रैल- 2015 पर्यावरण विशेषप्रकृति अपनी उन्नति और विकास में रुकना नहीं जानती और अपना अभिशाप प्रत्येक अकर्मण्यता पर लगाती है। - गेटे अनकही: प्रकृति और...
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बहादुर कलारिन की शौर्यगाथासात आगर सात कोरी - डी.पी. देशमुखरानीदुर्गावती, लक्ष्मीबाई और रजिया सुल्तान भारत की वे वीरांगनाएँ हैं, जिनके शौर्य और साहस की गाथा विश्व इतिहास में अमर है। छत्तीसगढ़ में बहादुर...
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लोक नाट्य नाचा में साखी परंपरा- डॉ. पीसी लाल यादवछत्तीसगढ़के लोकजीवन को करीब से देखें तो हम यह पाते हैं कि छत्तीसगढ़ की लोककला और लोक संस्कृति ने वैश्विक प्रसिद्धि पाई है। चाहे वह पंडवानी हो या भरथरी,...
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रहस का रहस्य-श्यामलाल चतुर्वेदी भगवानकी भक्ति को धूरी बनाकर संसार-चक्र में घूमते हुए भी अर्थ धर्म काम से अन्तत: मोक्ष पाने की अभिलाषा को पूर्ण करने का प्रयास धर्म प्राण भारत के मानव समाज में हम पाते...
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मनोरंजन और जागरूकता का संगमः नाचा- नारायण लाल परमारलोकनृत्योंकी दृष्टि से छत्तीसगढ़ी अंचल बहुत समृद्ध है, चाहे दक्षिणवर्ती बस्तर का माडिय़ा नृत्य हो अथवा घोटुल के हुलकी और मांदरी नृत्य हो, इन सबकी...
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छत्तीसगढ़ की नाचा शैली को विश्व में मशहूर करने वालेहबीब तनवीररंगमंच को एक नई शक्ल देने वाले प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। 1सितंबर 192३ को छत्तीसगढ़ के रायपुर में जन्मे हबीब...
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लोक कला के ध्वज वाहकगोविन्दराम निर्मलकर- संजीव तिवारीदेश के अन्य प्रदेशों के लोक में प्रचलित लोकनाट्यों की परम्परा में छत्तीसगढ़ी लोक नाट्य नाचा का विशिष्ट स्थान है । नाचा में स्वाभाविक मनोरंजन तो होता...
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लोरिक चन्दाःसंयोग-वियोग की प्रेम कथा - परदेशीराम वर्मा छत्तीसगढ़ लोक गाथाओं का गढ़ भी है। हस्तिनापुर में राज करने वाले कौरव-पांडवों की कथा को पद्मभूषण तीजन बाई पंडवानी परम्परा से जुड़े गायक कुछ इस तरह...
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सोनहा बिहान के स्वप्नदर्शी दाऊ महासिंह चन्द्राकर- रामहृदय तिवारीयाद आती है- 6 सितम्बर 1997 की, मतवारी में आयोजित सुर श्रद्धांजलि की वह शाम, गोधूलि बेला में गायों के गले की टुनटुनाती घंटियाँ, पक्षियों...
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लोकमंचीय कला के पुरोधारामचन्द्र देशमुख- प्रेम साइमनरामचन्द्र देशमुख- एक व्यक्ति का ही नहीं, छत्तीसगढ़ की धूलधूसरित लोक संस्कृति को फिर से महिमामंडित करने के सफल और सार्थक प्रयास का नाम है। रामचन्द्र...
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रंगकर्म जिनके जीने का जरिया बनारामहृदय तिवारीदुर्गजिले के उरडहा गाँव में 16 सितम्बर 1943 को जन्मे रामहृदय तिवारी लोककला के क्षेत्र में पिछले चार दशकों से सक्रिय है। एक स्वतंत्र रंगकर्मी के रुप में श्री...
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छत्तीसगढ़ का लोक मंच- डॉ. रत्ना वर्माजैसे-जैसेसभ्यता विकसित होती चली जाती है वैसे वैसे हमारे जीने के तरीके में भी बदलाव आने लगते हैं। हमारी परम्परा हमारी संस्कृति हमारे रीति- रिवाज में हर काल में कुछ...
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उदंती.com जुलाई - 2015लोक- मंच विशेषभारत मानव जाति का पलना है, मानव-भाषा की जन्मस्थली है, इतिहास की जननी है, पौराणिक कथाओं की दादी है, और प्रथाओं की परदादी है। मानव इतिहास की हमारी सबसे कीमती और सबसे...
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खान-पान की आदत बदल कर बचाएँ पर्यावरण -एस. अनंत नारायणनमांसाहार और पशु पालन के व्यवसाय से कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस का 18 प्रतिशत उत्पन्न होता है, जो दुनिया भर के यातायात साधनों द्वारा उत्पन्न कुल...
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जंगल के उपकार मिट्टी, पानी और बयारकागज बचाएंगे तो वन बचेगा। लिफाफों को बार-बार उपयोग करें।...
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बढ़ती आबादी के खतरे- डॉ. वाई. पी. गुप्ता-------------------बढ़ते वाहन, ताप बिजली घर और औद्योगिक इकाइयां दिल्ली में मुख्य प्रदूषक हैं। यहां के 51 लाख से अधिक वाहन 65 प्रतिशत वायु प्रदूषण के लिए...
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