पर्यावरण विशेषः प्रकृति के नियम से छल
सब कुछ पाने की लालसा - बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणअगर समुद्र का जलस्तर दो मीटर बढ़ गया तो मालद्वीप और बांग्लादेश जैसे निचाई वाले देश डूब जाएंगे। इसके अलावा...
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हरित भवन परम्परा की ओर लौटना होगा- के. जयलक्ष्मीभवनोंमें हरित तकनीकों का इस्तेमाल करने से न केवल ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होगा, बल्कि बिजली व पानी पर लागत भी घटेगी। इसके लिए डिजाइन के स्तर पर...
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विज्ञान की रक्षक भूमिका- भारत डोगराजलवायु बदलाव की समस्या बहुत आगे जा चुकी है व संतोषजनक समाधान के लिए बहुत कम समय बचा है, अत: वैज्ञानिकों से कुछ अधिक सक्रिय रक्षक भूमिका निभाने की उम्मीद है।जैसे- जैसे...
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नदी पर्यटनपर्यावरण को दांव पर लगा के नहीं- वी. के. जोशीगंगा सदैव से पूजनीय, पाप- विमोचिनी माता समान मानी गई है। एक डुबकी मात्र से समस्त पाप धुल जाते हैं ऐसी मान्यता है। आज भी ऋषिकेश में देश- विदेश से...
View Articleअनकही
प्रकृति और पर्यावरण - डॉ. रत्ना वर्मापर्यावरणमें हर साल हो रहे बदलाव इस बात का संकेत है कि हम विनाश के कगार पर पहुँचते चले जा रहे हैं। अपने आस पास के वातावरण से हमने इस कदर छेडख़ानी की है कि पृथ्वी का...
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उदंती मार्च-अप्रैल- 2015 पर्यावरण विशेषप्रकृति अपनी उन्नति और विकास में रुकना नहीं जानती और अपना अभिशाप प्रत्येक अकर्मण्यता पर लगाती है। - गेटे अनकही: प्रकृति और...
View Articleलोक- मंच विशेष
छत्तीसगढ़ी नाचा के पुरोधादुलारसिंह साव मदराजीनाचाके माध्यम से छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को जीवन्त रखने और उसके समुचित संरक्षण के लिए अपना तन-मन-धन समर्पित करने वाले दाऊ दुलार सिंह मदराजी का जन्म...
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हँसी मजाक के बादशाह होते हैं लोक कलाकार- मनोज रूपड़ाछत्तीसगढ़के लोक कलाकार अपनी परम्परा के अनुसार हँसी मजाक और व्यंग्य के बादशाह रहे हैं और अब भी हैं। पिछले चार-पाँच दशकों में जिन अभिनेताओं ने अपनी...
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लोकनाट्य नाचाःजिसे जनता पूरी रात जागकर देखती थी- महावीर अग्रवालनाचा छत्तीसगढ़ अंचल में प्रचलित लोकनाट्य की एक प्रमुख शैली है, जिसे आम जनता हजारों की संख्या में रात-रात भर जागकर उतावली और बावली होकर...
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छत्तीसगढ़ी लोकगीतजीवन शक्ति का अमृतकुण्ड- सीताराम साहू श्याममहाकांतार,दण्डकारण्य, कोसल चेदिशगढ़ और धान का कटोरा जैसे नामों और संज्ञाओं से विभूषित हमारा छत्तीसगढ़ प्रकृति की गोद में बसा है। अमरकंटक,...
View Articleएवरेस्ट फतहः
13 साल कीमालावाथ पूर्णाऔर 17 साल केआनंद कुमारनेरचा इतिहास - आकांक्षा यादवकहतेहैं हौसले बुलंद हों तो फिर आँधी, तूफान और पहाड़ भी रास्ता दे देते हैं। इसे बखूबी सच कर दिखाया है आँध्र प्रदेश में निजामाबाद...
View Articleनवयुवकों के लिए
सुखी जीवनप्रबन्धन के 18 महामंत्र- गोवर्धन यादवक्याआप हर कदम पर दुनिया को जीतना चाहते हैं ? क्या आप हमेशा सुखी और प्रसन्न रहना चाहते हैं ? क्या आप चाहते हैं कि लोग आपका सम्मान करे ? यदि यह बात किसी...
View Articleसत्यवादी
धर्म की परिभाषा - डॉ. बच्चन पाठक 'सलिल’सन् 1964 ईस्वी में जमशेदपुर में साम्प्रदायिक दंगा हुआ। लोग हिंसा, आक्रोश, भय और संदेह के साये में पल रहे थे। सैकड़ों लोगों की जानें गईं । रात में पूरी तरह...
View Articleमृत्यु को रख मन में
जियो तो ऐसे...सीखो तो ऐसे जैसे... - विजय जोशीमहात्मा गाँधीने कहा था - जियो तो ऐसे जैसे कल मर जाना हो और सीखो तो ऐसे जैसे- अनंतकाल तक जीना हो ( Live as if you have to die tomorrow and learn as if you...
View Articleकिस उम्र में शुरू हो स्कूल?
खेलकूद से ज्यादा सीखते हैं बच्चेहमारेदेश में स्कूली शिक्षा शुरू करने की उम्र लगातार कम होती जा रही है। कहीं-कहीं तो बच्चे को दो-ढाई साल की उम्र में ही स्कूल में डाल दिया जाता है और ये स्कूल नाममात्र के...
View Articleबोध कथा
दर्द का अहसास-श्याम सुन्दर अग्रवाल बगदादके ख़लीफा का एक ही बेटा था। खलीफा के बाद उसे ही गद्दी सँभालनी थी। अत: खलीफा अपने इस शहजादे को राजकार्य की शिक्षा दिलाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने शहजादे को एक...
View Articleविचार
अहं परनियंत्रण करना सीखें... -भावना सक्सैनाएक सहेली धूप में बैठी रो रही थी,उसका साथी कोई नहीं था।उठो सहेली आँखें पोंछो, मुँह धो लो, अपना साथी ढूँढ लो।... बचपनका यह खेल आज बहुत याद आ रहा है। काश कि ऐसा...
View Articleलोक जीवन
संस्कृति का लौकिक सन्दर्भ- विद्यानिवास मिश्र जैसेभारतीय संस्कृति के बारे में भ्रान्त धारणा है, यह कोरी आध्यात्मिक या अलौकिक संस्कृति है, लोक से इसका कुछ लेना देना नहीं, उसी प्रकार संस्कृत के बारे में...
View Articleशिक्षा में अराजकता
सब कुछ लुटाकर होश में आए तो क्या किया? -स्वराज सिंह आज का चौंका देने और व्यथित करने वाला समाचार 'छह लाख तीस हज़ार मेडिकल छात्रों को 4 हफ़्ते में दोबारा देनी होगी परीक्षा’-यह आदेश सुप्रीम कोर्ट को देना...
View Articleआज़ादी का गीत
इक दूजे से प्यार है हमको- नमिता राकेश आज़ादी की धुन में हमने कितने साल गुज़ारे हैंअंग्रेज़ों से टक्कर ली है हम हिम्मत कब हारे हैंगोरों के उस राज में हमने ऐसे भी दिन काटे थेगर कोई आहट कान में आती सोते...
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