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छत्तीसगढ़के आदिवासी क्षेत्र बस्तर के कोण्डागाँव जिले के कुम्हारपारा गाँव में ‘साथी समाज सेवी संस्था’ लगभग 40 वर्षों से आदिवासी जन- जीवन के संरक्षण -संवर्धन, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए निरंतर काम कर...
View ArticleArticle 21
- विजय जोशी - पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल, भोपाल (म. प्र.) धरती पर आदमी का पदार्पण ईश्वर प्रदत्त समस्त सुख, सुविधा, संसाधन के साथ होता है एक निश्चित कर्तव्य बोध के साथ, जिसमें सहायक हैं बुद्धि,...
View Articleप्रेरकः जीवन कितना न्यायपूर्ण है
- निशांतकभीकिसी गाँव में एक लड़का नदी के किनारे चल रहा था। उसे किसी की मदद की पुकार सुनाई दी।“मुझे बचाओ, मुझे इस जाल से बाहर निकालो, मेरी मदद करो”- एक मगरमच्छ चिल्ला रहा था। वह किसी जाल में उतनी ही...
View Articleकविताः बाट जोहते चौखट
- शुभ्रा मिश्राबाट जोहते दरवाजेअपलक निहारतीं खिड़कियाँअपने बच्चे को गोद में लेने के लिए व्याकुल मेरा आँगनजैसे ही मैं गईचारों तरफ से आवाजें गूँज रही थींबचिया! बचिया! बचिया!ऐसा लगा जैसे माँ...
View Articleकिताबें - उदासी की चुप्पी को झकझोरती संवेदना की गूँज
- अरुणेन्द्र नाथ वर्मातुम क्यों उदास हो (कहानी संग्रह- कुलबीर बड़ेसरों) हिन्दी में अनुवाद : सुभाष नीरव, संस्करण: 2023, पृष्ठ संख्या 128, मूल्य 200/-, प्रकाशक : नीरज बुक सेंटर, सी-22, आर्यनगर,...
View Article. लोककथाः इतना महँगा नाश्ता
एकबहुत बड़े मुल्क का सुलतान कहीं दूर की यात्रा पर एक गाँव से गुज़रा। रास्ते में वह एक बहुत मामूली चायघर में नाश्ता करने के लिए रुक गया। उसने खाने में आमलेट की फरमाइश की। चायघर के मालिक ने बहुत सलीके से...
View Article. व्यंग्यः ट्रेम्पोलीन में कूद झमाझम
- बी. एल. आच्छामजेदारहोता है ट्रेम्पोलिन | बड़े होने पर तो कूदना शरमा देता है। मगर शादी में यह महाखिलौना मुफ्त झमाझम कूद का आनन्दोत्सव बन जाता है। उसके भीतर का स्पंज इतना उचकाता है, गिराता है और...
View Articleकविताः बकरी
- हरभगवान चावलाबकरी - 1बकरी ने कभी शहर नहीं देखा था पर उसने जाये थे, जितने भी मेमने वे सब शहर गए थे और कभी लौटकर नहीं आए थे ।बकरी - 2अचानक किसी दिन बकरी के देखते-देखते ग़ायब हो जाता है उसका बच्चा बकरी...
View Articleकहानीः नजर बट्टू
- ज्योति जैन‘‘जल्दीसे लाओ यार... लपक के भूख लग रही है...’’ दोनों हाथों को आपस में रगड़ते हुए नव्या ने कहा। मानो दोनों हथेलियाँ रगड़ने से जिन्न प्रकट होगा और नाश्ता उसके हाथों में।‘‘हाँ यार... मुझे तो...
View Articleलघुकथाः अपनी ही आग में
- आनन्द भाईचारेका युग था। सब मेल-मिलाप और प्यार-प्रेम से रहते। हुनरमन्द औजारों तक को इस अपनत्व से हाथ में लेते और काम को इस श्रद्धा से करते कि पूजा कर रहे हों। वह जुलाहा बड़े जतन और प्रेम से बुनता था...
View Articleयात्रा- संस्मरणः एलिफैंटा केव्स- अद्भुत संरचना
- प्रिया आनंदइसमहीने के पहले सप्ताह के तीन दिन समंदर के सान्निध्य में ही बीते। वह चार जनवरी का दिन था, जब हम ऐलिफेंटा गुफाएँ देखने गए थे। बचपन से ही उनके बारे में सुना और सिखाया गया था इसलिए मन में...
View Articleडायरी के पन्नों सेः मन्नत का वह धागा
- शशि पाधाअपनी कहानी कहाँ से शुरू करूँ ? जिन्दगी का सफ़र जिस मोड़ पर शुरू हुआ, चलो वहीं से शुरू करती हूँ -वर्ष 1967 के दिसंबर महीने में मैं अपने कालेज के वार्षिक टूयर पर गई थी। सारी प्रिय सहेलियाँ,...
View Articleस्वास्थ्यः ऊँचे पहाड़ जीवन के लिए बेहतर
- डॉ. डी. बालसुब्रमण्यनसमुद्रतल से 4570 मीटर की ऊँचाई पर बसा लद्दाख का कर्ज़ोक गाँव हमारे देश की सबसे ऊँची बस्ती है। आबादी है तकरीबन 1300। हिमाचल प्रदेश के कोमिक और हानले गाँव भी समुद्र तल से 4500...
View Articleकविताः नदिया
- गौतमी पाण्डेयसागर से मिलने पर नदिया केदेखो नयन भर आए हैं!क्या पाया था! क्या कर बैठे!इस पार उतर जब आए हैं।जिनके सिंचन-पोषण को मैंहिम पर्वत से मुँह मोड़ चली,दायित्व निभाने को अपने,सम्बंध सभी मैं, तोड़...
View Articleचिंतनः मन थोड़ा बदल जाए तो...
- सीताराम गुप्ताप्रसिद्ध उर्दू शायर शुजाअ खावर साहब का एक शेर है – थोड़ा-सा बदल जाए, तो बस ताज हो और तख़्त, इस दिल का मगर क्या करें सुनता नहीं कमबख़्त। यदि हमारा मन थोड़ा सा बदल जाए, तो सचमुच कमाल हो जाए।...
View Articleबाल कविताः चिड़िया गीत सुनाती है
- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’चित्रः स्वाति बरणवाल बैठ मुँडेरे, बड़े सवेरेचिड़िया गीत सुनाती है।सोते रहते सभी घरों में;लेकिन वह जग जाती है।नन्हे बच्चे चोंच खोलकरचींचीं-चींचीं गाते हैंचिड़िया जो लाकर...
View Articleलघुकथाः कबाड़
- सुभाष नीरवबेटे को तीन कमरों का फ्लैट आवंटित हुआ था। मजदूरों के संग मजदूर बने किशन बाबू खुशी-खुशी सामान को ट्रक से उतरवा रहे थे। सारी उम्र किराये के मकानों में गला दी। कुछ भी हो, खुद तंगी में रहकर...
View Articleपर्यावरणः हर वर्ष नया फोन पर्यावरण के अनुकूल नहीं
- सोमेश केलकरएकबार फिर ऐप्पल कंपनी के सीईओ टिम कुक ने हरे-भरे ऐप्पल पार्क में कंपनी के नवीनतम, सबसे तेज़ और सबसे सक्षम आईफोन (इस वर्ष आईफोन 15 और आईफोन 15-प्रो) को गर्व से प्रस्तुत किया। पिछले वर्ष...
View Article. नवगीतः पानी की हर बूँद बचाने
- सतीश उपाध्यायभीतर की गूँज कह रही कोशिश बारंबार करें पानी की हर बूँद बचाने खुद को हम तैयार करें ।*जल से ही रंगत रौनक है धरती की हरियाली उत्सव और उल्लास इसी से और ऋतुएँ मतवाली ।*तितली की है फुरगन...
View Articleआलेखः 2029 में संयुक्त चुनाव कराने की तैयारी- एक-देश, एक-चुनाव
2029 में एक देश, एक चुनाव, यानी देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ निकाय व पंचायत चुनाव भी एक साथ कराने की दिशा में केंद्र सरकार एक कदम आगे बढ़ गई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता...
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