ई-कचरा
देश बन रहा है डंपिंग ग्राउंड-संध्या रायचौधरीइंटरनेशनलटेलीकम्यूनिकेशंस यूनियन (आईटीयू) के आंकड़ों के अनुसार भारत चीन और कुछ अन्य देशों में मोबाइल फोन की संख्या इंसानी आबादी को पीछे छोड़ चुकी है। सिर्फ़...
View Articleगीत
गोकुल-सा बन जाता है- सुशील भोलेचलो गाँव की ओर जहाँ सूरज गीत सुनाता हैतारों के घुँघरू बाँध, चंद्रमा नृत्य दिखाता है...अल्हड़ बाला-सी इठलाती, नदी जहाँ से बहती हैमंद महकती पुरवाई, जहाँ प्रेम की गाथा कहती...
View Articleकहानी
परतें सुदर्शन रत्नाकरउधमपुरसे कार ठीक करवा कर जब हम चले थे तब छः बज चुके थे।सोचा था साढ़े सात -आठ बजे तक हम हलद्वानीपहुँच जाएँगे रात वहीं किसी होटल में ठहर कर सुबह अल्मोड़ा के लिए निकल जाएँगे।कार ख़राब...
View Articleपरम्परा
अहिंसक खेती -रंजन प्रस्तुत आलेख मासिक पत्रिका ‘जीवन साहित्य’ वर्ष-14, अंक-1, जनवरी-1953से साभार लिया गया है। इसमें लेखक ने अहिंसक खेती क्या होती है यह बताने का प्रयास किया है। यद्यपि आज अत्याधुनिक...
View Articleनवगीत
गाँवअपना -रामेश्वरकाम्बोज‘हिमांशु’पहलेइतनाथाकभीनगाँवअपनाअबपरायाहोगया।खिलखिलातासिरउठाएावृद्धजो, बरगदकभीकासोगया।अबनगाताकोईआल्हाबैठकरचौपालमेंमुस्कानबन्दीहोगईबहेलिएकेजालमें,अदालतोंकीफ़ाइलोंमेंबन्दहो...
View Articleसंस्मरण
धरतीऔरधान-पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र''अरेबेचन! न जाने कौन आया था - उर्द जी, उर्द जी पुकार रहा था!'ये शब्द मेरी दिवंगता जननी, काशी में जन्मी जयकाली के हैं जिन्हें मैं 'आई'पुकारा करता था। यू.पी. में माता या...
View Articleव्यक्तित्व
तीसरी पास कृषि वैज्ञानिक दादाजी खोब्रागड़े-गायत्री क्षीरसागरतीसरी पास और कृषि वैज्ञानिक? बात कुछ अजीब लगती है। किंतु शोध कार्य करने के लिए केवल तीन बातें ज़रूरी होती हैं - इच्छा शक्ति, जिज्ञासा और कुछ...
View Articleगाँव के हाइकु
1. रोती है गगरिया-डॉ.कविता भट्ट1पीपल मौनपनघट सिसकेसुध ले कौन?2ना ही बतियाँरोती है गगरिया,क्या डगरिया।3हँसी छिटकीचौपाल यों सिसकीविदा कन्या-सी4गाँव से रास्तेमाना जाने के लाखों,लौटे न कभी.5खाली...
View Articleव्यंग्य कथा
सपनों का गाँव- विनोद सावस्कूलऔर जनपद कार्यालय के भवन साफ सुथरे थे जैसे गाँव में रहने वालों के उनके घर हों। सड़कें बिलकुल साफ सुथरी थी जैसे गाँव के घर के आँगन हों। सड़कों को गोबर पानी से छरा दे दिया गया...
View Articleफेसबुक डायरी से
गाँव जैसा मैंने देखा-बाबा मायाराम18 -02 - 2019गाँव में एक दिनचेहरे,बिम्ब, पुराने लोग, टूटा स्कूल और गाँवपरसों के दिन मैं अपने गाँव में था। उस गाँव में जिसमें बचपन बीता। जहाँ पुराने पीढ़ी के लोग मुझे...
View Articleग्राम्य पर्यटन
विरासत, संस्कृति औरअनुभवों का महासागर हैगाँव -अरुण तिवारीभारतमें शायद ही कोई गाँव हो, जिसका किसी न किसी नदी से सांस्कृतिक रिश्ता न हो। हर नदी के अपने कथानक हैं; गीत संगीत हैं; लोकोत्सव हैं। नदी में...
View Articleअनकही
क्यों नहीं बदली गाँव की तस्वीर – डॉ. रत्ना वर्मा गाँव की जो तस्वीर अब तक मेरे मन में है, उसमें मैं अपने गाँव को याद करती हूँ, तो एक खुशहाल गाँव की जो तस्वीर उभरती है, वह कुछ इस तरह है -खपरैल वाले...
View Articleजीवन दर्शन
देश धर्म से प्रेम- विजय जोशी(पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल, भोपाल)देशधर्मसेभीऊपरएकउदात्तऔरउदारभावहै, जिसमेंअनेकधर्मसमाहितहैं।यहउसविरासतकाप्रतीकहै, जिसेहमारेपुरखोंनेसहेजा,...
View Articleप्रेरक
सफलता की रेसिपीआज मैं आपको इतिहास की किताब के एक रोचक पन्ने पर लेकर चलता हूँ:19वीं शताब्दी के अंत में…या कह लें कि बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में (मतलब वर्ष 1900के आसपास) सैमुएललैंग्ली बहुत प्रसिद्ध...
View Articleविज्ञान
अब तक का सबसे गर्म जूनइस साल जून में यदि आपने अत्यधिक गर्मी का अहसास किया है तो आपका एहसास एकदम सही है। वास्तव में जून 2019 पृथ्वी पर अब तक का सर्वाधिक गर्म जून रहा है। साथ ही यह लगातार दूसरा महीना...
View Articleसामयिक
सुषमा स्वराज कायूएनकी 72वींआमसभामेंदियागयाभाषणहमपूरेविश्वकोएकपरिवारमानते हैंसुषमास्वराज ने यूँ तो कई जोरदार भाषण अपने राजनीतिक जीवन के दौरान दिए हैं। लेकिन यूएन की 72वीं आम सभा में दिया गया उनका भाषण...
View Articleहाइकु
2- बचपन की यादें -डॉ. पूर्वा शर्मा1.रेशमी धागाबचपन की यादेंकरता ताज़ा ।2.बहन भेजेऑनलाइन राखीभाई को पाती ।3.नेट निभाताबचपन का प्यारराखी -त्योहार ।4.पल में उड़ेविदेश जा पहुँचेमन की राखी ।5.रिक्त ही रहीबचपन...
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