सबक सिखाने का समय...
- डॉ. रत्नावर्मा
पिछलेमहीनेपुलवामामेंसीआरपीएफ़केकाफि़लेपरकियागयाआत्मघातीहमला, देशकेधैर्यकीपराकाष्ठाहै।आतंकवादकेविषधरोंऔरउनकोप्रश्रयदेनेवालोंकोनिर्मूलकरनाज़रूरीहै।इसहमलेकेबादपूरादेशपुलवामामेंशहीदहुए 40 जवानोंकीशाहदतकाबदलालेनेकोबेसब्रहै।वेएकहोकरपाकिस्तानकोसबकसिखानाचाहतेहैं।माहौलऐसाहैकियदियुद्धभीछिड़जाएतोलोगफौजकेसाथकंधासेकंधामिलाकरलडऩेकोतैयारहैं।भारतकीफौजनेबालकोटहमलाकरकेयहसंदेशपाकिस्तानकोतोदेहीदियाहैकिअबहमऔरचुपनहींरहसकते।हमारेजाँबाजपायलटअभिनन्दनकोबिनाशर्तवापसलौटानेकीबातस्वीकारकरकेपाकिस्तानीप्रधानमंत्रीयहभीसमझगएहैंकिभारतकीफौजअबपीछेनहींहटेगी; लेकिनयहकोईसमाधाननहींहै।इतनेभरसेआतंककाअंतनहींहोनेवाला।जबतकपाकिस्तानीप्रधानमंत्रीआतंककोसमूलनष्टकरनेकीदिशामेंकोईठोसकदमउठानेकीबातनहींकरतातबतकचुपबैठनेकासमयनहींआयाहैं।
कश्मीरमेंआतंकवादऔरघुसपैठकीशुरुआततोस्वतंत्रताकेसमयसेहीशुरूहोचुकीथी, आतंककावहजहरआजइतनाफैलचुकाहैकिबढ़ते- बढ़तेनासूरबनचुकाहै।ऐसेमेंकश्मीरसमस्याकाअंतिमसमाधानऔरपाकिस्तानकोउसकीऔकातदिखानेकायहीसहीसमयहै।
इनसबघटनाओंकेबादइस्लामिकसहयोगसंगठनके 50 वेंअधिवेशनमेंभारतकीविदेशमंत्रीसुषमास्वराजकाविशेषअतिथिकेरुपमेंशामिलहोनाऔरवहाँउनकाप्रभावशालीभाषणइतिहासमेंदर्जहोगया।पुलवामाकांडऔरपाकिस्तानकेआतंकवादीठिकानोंपरभारतीयफौजकेहमलेकेबादभीउन्हेंबुलायाजानाभारतकीबड़ीउपलब्धिहै।औरपाकविदेशमंत्रीकावहाँजानेसेइंकारकरदेनाउनकीमंशाकोजाहिरकरदेताहै।
आतंकवादसेभारतहीनहींपूराविश्वपरेशानहै।यहबातसभीजानतेहैंकिआतंकवादकोप्रश्रयदेनेवालादेशपाकिस्तानहीहै।1965 केभारत-पाकयुद्धकेपश्चातहुएताशकंदसमझौतेऔर1971 केयुद्धकेबाद1972 कोहुएशिमलासमझौतेमेंभारतऔरपाकिस्तानद्वाराद्विपक्षीयचर्चाकेद्वाराकश्मीरसमस्याकाहलनिकालनेकाउल्लेखहै, परंतुपाकिस्ताननेइसकाकभीपालननहींकिया।परिणामहुआ1999 मेंकारगिलमेंघुसपैठऔरतीनयुद्धोंमेंउनकीभारीपराजय।अपनीहारसेबौखलायापाकिस्तानकश्मीरमेंलगातारआतंकवाद की विषबेलफैलातेचलेजारहाहै, जोरुकनेकानामहीनहींलेरही, ऐसेमेंउसेसबकसिखानाजरूरीथा।
पुलवामाहमलेकेबादजम्मू-कश्मीरप्रशासननेअलगाववादीनेताओंकोमिलीसरकारीसुरक्षाभीवापसलेलीहै, जोएकबहुतबड़ाफैसलाऔरसहीकदमहै।देशद्रोहियोंकीसुरक्षाकाजिम्मासरकारकानहीं।उन्हेंउनकेहालपरछोड़देनाचाहिए।राष्ट्रहितसर्वोपरिहै।जोसुरक्षाबलोंकेअभियानमेंबाधकबनतेहैं, वेकिसीभीआतंकवादीसेकमनहीं।उनकोनिर्दोषबताकरछोड़देनाघातकहै।अराजकतत्त्वोंकोछूटदेनासबसेबड़ीभूलहै।राजनैतिकलाभकाअवसरतलाशनेवालोंपरनकेलकसनाज़रूरीहै।आन्तरिकसुरक्षामेंकिसीभीप्रकारकीचूककेलिएअबकोईजगहनहीं।
पहलेउरीमेंसर्जिकलस्ट्राइकऔरअबबालाकोटमेंहवाईहमलेकेसाथहीवर्तमानसरकारनेस्पष्टसंकेतदेदियाहैकिभारतकेपाससभीविकल्पखुलेहैं।उम्मीदकीजानीचाहिएकियहविकल्पसिर्फराजनीतिकऔरचुनावीहथकंडानहोकरआतंककोपूरीतरहखत्मकरदेनेकासंकल्पबनकरउभरे।भारतकेलिएपुलवामाकेशहीदोंकोसच्चीश्रद्धांजलितबतकपूरीनहींहोगीजबतकआतंकवादकासफायानहींकरदियाजाता।
देशकीसुरक्षासेजुड़ेउक्तमुद्देकेसाथएकऔरमुद्दाहै- 8 मार्चमहिलादिवसकेअवसरपरइसविषयमेंबातकरनाजरूरीहै।हमबेटीबचाओ,बेटीपढ़ाओकानाराजोर- शोरसेलगातेहै।बेटियोंकीसुरक्षाकोलेकरलम्बीचौड़ीबातकरतेहैं- बेटीजबस्कूलकॉलेजजातीहै, नौकरीपरजातीहै, यहाँतककिशादीकेबादबिदाहोकरससुरालजातीहै, तो नसीहतेंबेटीकोहीदीजातीहै,किबेटीसम्मलकेरहना, स्कूलकॉलेजसेसीधेघरआना, लड़कोंसेबातमतकरना, रातमतकरनाऔरससुरालमेंसबकाकहामानना, ऐसेरहनावैसेरहनाआदिआदि... लेकिनइनसबकेबादनतोहमबेटियोंकोबचापारहेहैं,नउनकीसुरक्षाकरपारहेहैं।बेटेकीचाहमेंलड़कियाँआजभीकोखमेंमारीजारहीहैं, अपहरण, बलात्कार, हत्याऔरशोषणआजभीजारीहै।यहतोआपसबजानतेहैंकिबेटियोंकोइतनीसारीनसीहतेंक्योंदीजातीहैं?किससेबचनेकेलिएदीजातीहैं? जाहिरहैपुरुषोंसे। तोअसलमेंनसीहतेंकिसेदीजानीचाहिएपुरुषोंकोना? तोसमयआगयाहैकिपरिवारसेलेकरस्कूलकॉलेजतकलड़कोंकोऐसीशिक्षाऔरसंस्कारदिएजाएँकिलड़कियाँबेखौफहोकरहरकहींआजासकें।तोअबबेटीपढ़ेगीइतिहासरचेगीजैसेनारोंकेसाथएकनाराऔरलगायाजाए- बेटोंकोदोऐसेसंस्कार, बेटियाँकाकरेंवे सम्मान।