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जीवन दर्शनः श्री कृष्ण से सीखें : सफलता के सूत्र

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 - विजय जोशी . - पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल, भोपाल (म. प्र.)

कृष्ण का जीवन अद्भुत था। वे सामाजिक समरसता के श्रेष्ठ उदाहरण हैं। उन्होंने अपने लिए कभी कुछ नहीं चाहा। निर्बल के पक्ष में न केवल खड़े रह कर न केवल उसे सबल बनाया, बल्कि समाज में पुनर्स्थापित भी किया। उनके जीवन से सफलता अर्जन के 10 सूत्रीय बिंदुओं पर प्रकाश का विनम्र प्रयास : 
1. प्रेम में निःस्वार्थता :निर्मल, निश्छल वासना रहित औदार्य पूर्ण प्रेम। सम्बंधों को बगैर किसी चाहत या प्रतिदान के साथ जीवन जिया। प्रेम में  दिया ही अधिक लिया कुछ भी नहीं।
2. सुदृढ़ मित्रता एवं निष्ठा : इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो यही है कि जहाँ एक ओर वे कंस के अत्याचारों के विरुद्ध ग्वाल बाल सखाओं के साथ खड़े रहे, तो दूसरी ओर अन्याय झेल रहे पांडवों के पक्ष में खड़े रह उन्हें न्याय प्रदायगी के सोपान बने।
3. भरोसा एवं समर्पण :आस्था, वफ़ादारी और विश्वास एक विश्वसनीय मित्र की सर्वोच्च पहचान है, जिसमें वे खरे उतरे।
4. धार्मिकता से परिपूर्ण :उदार धर्म भाव सहित सबके साथ उचित व्यवहार। सबसे प्रेम, वैर रहित आचरण।
5.  समानता एवं आदर :सामाजिक प्रतिष्ठा को परे रखते हुए हर एक से समान भाव से आदरपूर्ण व्यवहार।
6.  करुणा एवं दया :किसी से कोई शत्रुता का भाव नहीं। शत्रु को भी मित्र मानते हुए पहले संवाद, समझाइश और फिर समस्या निराकरण के पश्चात क्षमा कर देने वाला भाव।
7.  मोह रहित  संबंध :जिन्हें हम प्रेम करते हैं उनसे पूरा स्नेह और उचित देखभाल, लेकिन सीमा से परे का लगाव या अधिकार भाव नहीं।
8.  संवाद में स्पष्टता :अपने अनुभव या ज्ञान को तरीके से साझा करने के साथ- साथ अपनी बात को सटीक तथा सार्थक तरीके से समझाने की कला।
             कहने को तो हर बात कही जाती है,  कहने का सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है। 
9. आनंद और उत्सव :जीवन के हर पल को आनंदपूर्वक जीने की कला। मित्र परिवार सगे सम्बंधियों के साथ एकजुटता का भाव
10.  शाश्वत प्रेम :रिश्तों में शर्त रहित स्नेह प्राप्त करने के लिए निर्मल मन से प्रयास।
निष्कर्ष : जीवन का सत्व और तत्त्व :
 - छोटी उँगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठाने वाले श्री कृष्ण। 
- छोटी- सी बाँसुरी को दोनों हाथों से पकड़ते हैं।
- बस इतना ही अंतर है- ‘पराक्रम और प्रेम’ में।
-  इसलिए रिश्तों में ‘पराक्रम’ नहीं ‘प्रेम’ होना चाहिए।

सम्पर्क: 8/ सेक्टर-2, शांति निकेतन (चेतक सेतु के पास), भोपाल-462023,  मो. 09826042641, E-mail- v.joshi415@gmail.com


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