- नवनीतकुमारगुप्ता
भारतीयवाणिज्यएंवउद्योगमंडलयानीएसोचैमकेपर्यावरणतथाजलवायुपरिवर्तनपरिषदकेताज़ाअध्ययनकेअनुसारभारतदुनियामेंसर्वाधिकइलेक्ट्रॉनिककचराउत्पन्नकरनेवालादेशहै।यहाँहरवर्ष13लाखटनई-कचराउत्पन्नहोताहै, जिसकासिर्फ1.5प्रतिशतभागविभिन्नसंगठितअथवाअसंगठितइकाइयोंमेंदोबाराइस्तेमालयोग्यबनायाजाताहै।
असलमेंआजकायुगउपभोक्तावादकायुगहैऔरइसयुगकोतेज़गतिप्रदानकीहैसूचनातथासंचारक्रांतिने।अर्थ -व्यवस्था, उद्योगोंतथासंस्थाओंसहितहमारेदैनिकजीवनमेंसूचनातथासंचारक्रांतितेज़ीसेबदलावलारहीहै।एकओर, इलेक्ट्रॉनिकउत्पादहमारीज़िंदगीकाअभिन्नअंगबनचुकेहैं।वहींदूसरीओरयहीउत्पाद, संसाधनोंकेअनियंत्रितउपभोगतथाभारीमात्रामेंकचराउत्पन्नकरनेकेलिएभीजिम्मेदारहैं।
प्रौद्योगिकीकातेज़विकास, तकनीकीआविष्कारोंकाआधुनिकीकरणतथाइलेक्ट्रॉनिकउपकरणोंमेंतेज़ीसेबदलावकेकारणविश्वमेंइलेक्ट्रॉनिककचरेकेउत्पादनमेंभारीवृद्धिहोरहीहै।इलेक्ट्रॉनिककचरायाई-कचराइलेक्ट्रॉनिकतथाविद्युतउपकरणोंसेउत्पन्नहोनेवालेऐसेसभीप्रकारकेकचरेकोकहतेहैं, जिनकीअबमूलरूपमेंउपयोगितानहींरहीहैऔरजिन्हेंदोबाराउपयोगलायकबनानेयापूरीतरहसमाप्तकरदेनेकीआवश्यकताहै।उदाहरणकेलिएपुरानेरेफ्रिजरेटर, खराबहोचुकीवॉशिंगमशीन, बेकारकंप्यूटरतथाप्रिंटर, टेलीविज़न, मोबाइल, आईपॉड, सीडी, डीवीडी, पेनड्राइवइत्यादि।
देशमेंउत्पन्नइ-कचरेका90प्रतिशतसेअधिकभागअसंगठितबाज़ारमेंदोबाराइस्तेमालकेलिएअथवानष्टकरनेकेलिएपहुँचताहै।येअसंगठितक्षेत्रआमतौरपरमहानगरोंतथाबड़ेशहरोंकीझुग्गीबस्तियोंमेंहोतेहैं, जहाँअकुशलकामगारलागतकमकरनेकेउद्देश्यसेबिलकुलअनगढ़तरीकोंसेई-कचरेकोदोबाराइस्तेमालयोग्यबनातेहैं।येकामगारखतरनाकपरिस्थितियोंजैसे, दस्तानोंतथामुखौटोंकाप्रयोगकिएबिनाकार्यकरतेहैं।इसप्रक्रियामेंकचरेसेनिकलनेवालीगैसें, अम्ल, विषैलाधुआँतथाविषैलीराखकामगारोंतथास्थानीयपर्यावरणकेलिएखतरनाकहोतीहै।
ई-कचरेमेंकईप्रकारकेप्रदूषणफैलानेवालेतथाविषैलेपदार्थहोतेहैं, जैसे, सर्किटबोर्डमेंकैडमियमतथालेड, स्विचतथाफ्लैटस्क्रीनमॉनिटरमेंपारा, पुरानेकैपेसिटर्सतथाट्रांसफार्मर्समेंपोलीक्लोरिनेटेडबाईफिनाइलतथाप्रिंटेडसर्किटबोर्डकोजलानेपरनिकलनेवालीब्रोमीन-युक्तआग।इनहानिकारकपदार्थोंतथाविषैलेधुएँकेलगातारसम्पर्कमेंरहनेसेइसकाममेंलगेकामगारोंमेंबीमारियाँपनपतीहैं।
देशके70प्रतिशतई-कचरेकाउत्पादनदेशके10राज्योंमेंहोताहै, जिसमें19.8प्रतिशतयोगदानकेसाथमहाराष्ट्रपहलेस्थानपरहै।इसकेबादतमिलनाडुमें13.1प्रतिशत, आंध्रप्रदेशमें12.5प्रतिशत, उत्तरप्रदेशमें10.1प्रतिशत, पश्चिमबंगालमें9.8प्रतिशत, दिल्लीमें9.5प्रतिशत, कर्नाटकमें8.9प्रतिशत, गुजरातमें8.8प्रतिशततथामध्यप्रदेशमें7.6प्रतिशतइलेक्ट्रॉनिककचरेकाउत्पादनहोताहै।
देशमेंबढ़तेई-कचरेकेखतरेसेनिपटनेकेलिएभारतसरकारकेपर्यावरण, वनएवंजलवायुपरिवर्तनमंत्रालयनेई-कचराप्रबंधननियम, 2016लागूकियाहै।2018मेंइसनियममेंसुधारकियागया, ताकिदेशमेंई-कचरेकेनिस्तारणकोदिशादीजासकेतथानिर्धारिततरीकेसेकचरेकोनष्टअथवापुनर्चक्रितकियाजासके।कोशिशयहहैकिई-कचरेकोठिकानेलगानेकेक्षेत्रकोमान्यताप्राप्तहो, कामगारोंकेस्वास्थ्यपरबुराप्रभावनापड़ेतथावातावरणप्रदूषितनहो।
नएनियमोंमेंइलेक्ट्रॉनिकसामग्रियोंकेउत्पादकोंकेलिएउनकेनिस्तारण, प्रबंधनतथा