$ 0 0 - डॉ. सुरंगमा यादवदीमकों ने खाईसी नहीं पाईपुरानी किताबबड़े-बड़े जिल्दसाजों कीकला भी काम न आईसहेजा बहुत सचेत हाथों नेपीले पन्नों की टूटनपर रुक न पाईबेमन विसर्जन की बेलाअब लगता आईहा! इति आई।