![]() |
चित्रः डॉ. सुनीता वर्मा, भिलाई (छ.ग.) |
यदि आप स्वयं प्रसन्न हैं,
तो जिंदगी उत्तम है।
यदि आपकी वजह से लोग प्रसन्न हैं,
तो जिंदगी सर्वोत्तम है।
इस अंक में
अनकहीःजा पर कृपा राम की होई... - डॉ. रत्ना वर्मा
धर्म- संस्कृतिःदशावतारों के साथ अवतरित हुए भगवान राम - प्रमोद भार्गव
दोहेःलौट आये श्री राम - शशि पाधा
प्रकृतिः चारधाम हाईवे और हिमालय का पर्यावरण - भारत डोगरा
कविताःबसन्त की अगवानी - नागार्जुन
खान- पानः सब्जियाँ अब उतनी पौष्टिक नहीं रहीं - स्रोत फीचर्स
विकासःफैशन को टीकाऊ बनाना होगा - अपर्णा विश्वनाथ
संस्मरणःएक खूबसूरत तस्वीर - देवी नागरानी
कालजयी कहानीःबट बाबा - फणवीश्वरनाथ रेणु
कविताःदे जाना उजास वसंत - निर्देश निधि
कविताःमुझमें हो तुम - सांत्वना श्रीकांत
व्यंग्यःगुरु और शिष्य की कहानी - अखतर अली
ग़ज़लः 1. नादाँ हूँ... 2. सूरज बन कर - विज्ञान व्रत
चर्चाःयात्रा वृत्तांत पर पहला विमर्श - विनोद साव
लघुकथाःगौरैया का घर - मीनू खरे
दो लघुकथाः1. हनीट्रैप, 2. अन्तर्दृष्टि - डॉ. उपमा शर्मा
कथाःअपना-पराया - प्रिया देवांगन ‘प्रियू’
स्वास्थ्यःदिल के लिए... बैठने से बेहतर है - डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन