Quantcast
Channel: उदंती.com
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2168

लोक कथाः तराजू और चील

$
0
0

  - डॉ.  उपमा शर्मा

एकगाँव में एक ईमानदार व्यापारी सुखदेव रहा करता था। उसकी ईमानदारी और अच्छे व्यवहार के कारण उसकी दुकान ख़ूब चलती थी। उसने दुकान के कार्यों में सहायता के लिए रामदीन नाम का एक नौकर रखा हुआ था। रामदीन नज़र बचाकर दुकान के सामान में हेराफेरी कर देता था। ग्राहकों की शिकायत पर सुखदेव ने रामदीन की डाँट लगाई और उस पर नज़र रखने लगा। अब रामदीन हेराफेरी नहीं कर पाता था,  जिस कारण वो सुखदेव से नाराज़ रहने लगा और समय आने पर बदला लेने की ठान दुकान पर काम करने लगा।

दुकान पर रामदीन को ईमानदारी से काम करते देख सुखदेव ने चैन की साँस ली। एक बार सुखदेव को दो दिन के लिए गाँव से बाहर जाना पड़ा। वह रामदीन को दुकान पर ध्यान से काम करने को कह बाहर चला गया। रामदीन दिन भर दुकान पर काम करता और शाम को नियत समय पर घर चला जाता। वापस  जब आकर सुखदेव ने देखा कि रामदीन ने दुकान बहुत अच्छे से सँभाली हुई है, तो वो बहुत ख़ुश हुआ। ग्राहक के आने पर सुखदेव ने सामान तोलने के लिए तराजू देखा, तो वह उसे नहीं दिखाई दिया। उसने तराजू के विषय में रामदीन से पूछा। रामदीन ने बताया कि मालिक तराजू चूहे ले गए। सुखदेव का माथा ठनका। लोहे का तराजू चूहे कैसे ले जा सकते हैं? लेकिन रामदीन अपनी बात पर अड़ा रहा। सुखदेव रामदीन की बदमाशी समझ गया और चुप हो गया।

अब बिना तराजू दुकान का काम बिगड़ने लगा। नया तराजू लेने शहर जाना पड़ता। उसमें कई दिन लगते। सुखदेव तराजू वापस पाने की तरकीब सोचने लगा। अगले दिन सुखदेव ने रामदीन को कहा कि दुकान का काम तुम सँभाल ही लेते हो। मैं नदी पर जाकर नहाने की सोच रहा हूँ। तुम चाहो, तो अपना लड़का साथ भेज दो। मुझे भी पानी -चबैना का सहारा हो जाएगा।

रामदीन ख़ुशी-ख़ुशी मान गया कि लड़का थोड़ा घूम लेगा और । अगले दिन तड़के ही सुखदेव रामदीन के लड़के को लेकर नदी की ओर चला गया। जब शाम को सुखदेव दुकान पर अकेले लौटा, तब रामदीन ने अपने लड़के के विषय में पूछा। सुखदेव ने बताया-“तुम्हारे लड़के को चील उठाकर ले गई।”

रामदीन झगड़ने लगा। सुखदेव अपनी बात पर अड़ा रहा। रामदीन न्याय के लिए राजा के दरबार पहुँचा। राजा ने सिपाहियों से सुखदेव को बुलवाया और पूरी बात सही से बताने को कहा। सुखदेव ने बताया नदी से लौटते समय दो चील आईं । और उनमें से एक उसके लड़के को उठाकर ले गई। राजा नाराज़ हो गया कि सुखदेव लगातार झूठ बोल रहा है। उसने गुस्से में सुखदेव से कहा- सच बताओ नहीं तुम्हें कठोर सजा दी जाएगी। रामदीन रोने लगा-“मेरा लड़का वापस दिलाइए!”

सुखदेव ने कहा-इसके लड़के को चील ले गई।”

रामदीन गुस्से में चिल्लाया –“इतने बड़े लड़के को चील कैसे ले जा सकती है?”

सुखदेव ने कहा- “वैसे ही, जैसे लोहे की इतना बड़ी तराजू चूहे ले जा सकते हैं।”

राजा ने पूरा मामला पूछा। सुखदेव ने बताया कैसे रामदीन ने उसका तराजू गायब कर दिया। उसने कहा, हुजूर बच्चा सुरक्षित है। मैंने बस अपना तराजू पाने के लिए यह सब किया। राजा ने रामदीन को बहुत फटकारा। साथ ही हुक्म दिया कि सुखदेव की तराजू वापस कर दे। इस बार वह उसे छोड़ रहा है। आगे से ऐसा कुछ किया, तो उसे कठोर दंड मिलेगा। राजा ने सुखदेव को उसकी चतुराई पर ईनाम भी दिया। इस तरह चतुराई से सुखदेव ने अपना तराजू वापस पा लिया और रामदीन को सबक भी सिखा दिया।

सम्पर्कःबी-1/248, यमुना विहार, दिल्ली-110053



Viewing all articles
Browse latest Browse all 2168


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>