चित्र ः डॉ. सुनीता वर्मा |
बीते समय के लिए मत रोइए, वो चला गया,
और भविष्य की चिंता करना छोड़ो,
क्योंकि वो अभी आया ही नहीं है,
वर्तमान में जियो, इसे सुन्दर बनाओ ! - गौतम बुद्ध
अनकहीः प्रदूषण फैलाती गाड़ियाँ... - डॉ. रत्ना वर्मा
समाजःस्कूल में भूत का नज़ारा -संतोष शर्मा
कविताःमुस्कुराती हुई स्त्री -रश्मि विभा त्रिपाठी
यात्रा संस्मरणःकला की अमूल्य निधियाँ ‘एलोरा अजन्ता’- यशपाल जैन
लघुकथाःरेलगाड़ी की खिड़की - अंजू खरबंदा
पर्यावरणःहाइवे के बोझ तले गाँव की पगडंडी - भारत डोगरा
व्यंग्यःट्यूशन पुराण - रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
बाल कहानीःमिट्ठू - मुंशी प्रेमचंद
कविताः आ लौट चलें! - डॉ. सुरंगमा यादव
दो ग़ज़लेंः 1. तसव्वुर, 2. खोमोशियाँ -विज्ञान व्रत
कलाकारःजो कला परमानंद में लीन कर दे वही सच्ची कला -प्रो. अश्विनी केशरवानी
कविताः बच्चोंऔर बड़ों का घर – हरभगवान चावला
प्रेरकःसंयम और अनुशासन का अनूठा प्रयोग- हिन्दी ज़ेन
कोविडःमास्क कैसा हो?-स्रोत फीचर्स