कोरोना
क़ातिल कोरोना का क़हर - जेन्नी शबनमभारततथा विश्व की वर्तमान परिस्थिति पर ध्यान दें तो ऐसा लग रहा है कि प्रकृति हमें चेतावनी दे रही है कि अब बहुत हुआ, अब तो चेत जाओ, वापस लौट जाओ अपनी-अपनी जड़ों की तरफ,...
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विज्ञान नहीं आध्यात्म से जीतता भारत -डॉ नीलम महेंद्र“मानव ही मानव का दुश्मन बन जाएगाकिसने सोचा था ऐसा दौर भी आएगा।जो धर्म मनुष्य को मानवता की राह दिखाता थाउसकी आड़ में ही मनुष्य को हैवान बनाया...
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भारत सबसे बेहतर -डॉ. वेदप्रताप वैदिककोरोना से पीड़ित सारे देशों के आँकड़ें देखें तो भारत शायद सबसे कम पीड़ित देशों की श्रेणी में आएगा। दुनिया के पहले दस देशों में अमेरिका से लेकर बेल्जियम तक के नाम हैं...
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कोरोना .... देखना हम जीतेंगे –डॉ. रत्ना वर्मापिछले कुछ दशकों से हम सब सुनते आ रहे हैं कि महाप्रलय आने वाला है और एक दिन पूरी दुनिया खत्म हो जाएगी। पिछले वर्षों में एक के बाद एक बहुत सारी प्रकृतिक...
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उदंती.com,अप्रैल २०२०वर्ष-१२, अंक ९खुद के लिये जीने वाले की ओर कोई ध्यान नहीं देता पर जब आप दूसरों के लिये जीना सीख लेते हैं तो वे आपके लिये जीते हैं। -परमहंस...
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ब्रेकिंग न्यूज़-डॉ. सुषमा गुप्ता “साहब ये तो मर चुका है।बुरी तरह जल गई है बॉडी। और कार भी बिल्कुल कोयला हो गई है । आग तो भीषण ही लगी होगी।”कान्स्टेबल रामलाल अपने इंसपैक्टर साहब से हताश- सा बोला। बहुत...
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1. नि:शब्द -अर्चना राय अपनीसाँसों की ऊपर -नीचे होती रिदम को संयत करते हुए, अनिल के कान केवल अनाउंसमेंट पर टिके थे। उसकी तरह ही अनेक सहकर्मी भी इसी ऊहापोह की स्थिति में खड़े थे। आज मंदी की चपेट में...
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1. लोकतंत्र-कृष्ण मनु बूढ़ा सोमर बड़ी कठिनाई से अपनी झोपड़ी के देहरी तक आ सका। एक मिनट की भी देर होने पर वह रास्ते में ही बेहोश हो सकता था । बाबू साहब के खेतों में कभी दिन-दिन भर काम करने वाले सोमर के...
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धुँधली-सी तस्वीरपवन शर्मा ‘‘लो,चाय पीयो।“चाय लाते हुए मैंने कहा।‘‘अरे!...मैं बना देती।आपने क्यों तकलीफ की।“वह चाय का कप हाथ में लेते हुए बोली।बमुश्किल इक्कीस-बाईस की उम्र होगी उसकी। अभी-अभी बी.एस-सी....
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गैप-कृष्णा वर्माचायकी चुस्की लेते हुए पापा ने पूछा , “नेहा कौन सा विषय सोचा नवीं कक्षा के लिए, साइंस या कॉमर्स?” कुछ सोचते हुए नेहा बोली, “पापा, साइंस तो बिल्कुल नहीं। यह काट-पीट और खून देखना मेरे...
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पहचानडॉ.जेन्नी शबनममेरालेख एक बड़ी पत्रिका में ससम्मान प्रकाशित हुआ। मैंने मुग्ध भाव से पत्रिका के उस लेख के पन्ने पर हाथ फेरा , जैसे कोई माँ अपने नन्हे शिशु को दुलारती है. दो महीने पहले का चित्र मेरी...
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1. आज़ादी-रवि प्रभाकर शताब्दियोंके इंतज़ार और असंख्य माँओं की गोद सूनी होने, अनगिनत सुहागिनों से इंद्रधनुष रूठने और न जाने कितने बिना ईद के रोज़ों के बाद, अंतत: ‘वह’ आ ही गई। भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की...
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गाइड- डॉ.कविता भट्ट भोजनावाकाश में भी ‘नारी स्वतन्त्रता और सम्मान’ विषय पर कुछ चर्चा चल रही थी । प्रो. शेखर कुमार कुछ बोले जा रहे थे । डायनिंग टेबल पर उनके ठीक सामने बैठी सुन्दर गौरवर्णा शालिनी ने...
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अपने लोग -बलराम दिल्लीविकास प्राधिकरण की रोहिणी स्कीम मे अड़तालीस स्क्वायर मीटर के प्लाट के रजिस्ट्रेशन के लिए वह मात्र अठारह सौ रुपयेजुटा पाया था। अंतिम तिथि करीब थी और उसे दो सौ रुपए तत्काल चाहिए...
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दरार-अशोक लव सुशीलाएक वर्ष तक मायके रहकर ससुराल लौटी थी। सास–ननद के ताने, पति की उपेक्षा मार डालने की धमकियाँ – इन सबने उसे मायके में जीने को बाध्य कर दिया था। नौकरी न कर रही होती तो न जाने उसका क्या...
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1. चार हाथ-जानकी वाही‘‘येक्या समझते हैं? अब इनका हमसे मतलब नहीं पड़ेगा?’’ श्याम ने निराशा से क्षितिज को निहारा जहाँ अँधेरा अपनी धमक देने लगा था।‘‘देखो जी! पड़ोसी से तो नून और राख का भी लेन-देन होता है ।...
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सपनों के गुलमोहर-कमल कपूरअमेरिकासे तीन माह बाद लौटी रश्मि, पति रवि के साथ कदमताल करते हुए एयरपोर्ट से निकल कर ‘पार्किंग-लॉट’ में पहुँची तो रवि को एक नई चमचमाती उजली ‘इनोवा’ का दरवाजा खोलते देख चौंकी...
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सूखे पेड़ कीहरी शाख जगदीश कश्यपरेट रेट तय कर वह रिक्शे में बैठ गया और सोचने लगा–बेटे का सामना कैसे कर पाएगा। वह तो आना ही नहीं चाहता था पर रतन की माँ बोली थी–‘‘देखो तुम एक बाप हो। बेटे ने शादी के लिए...
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अम्मा - रमेश गौतम‘‘अम्मा,थोड़ी खीर और लाओ,’’ प्रिसिपल ने कहा, ‘‘थोड़ा राजमा, चावल भी ले आना।’’गेम्स टीचर ने चटकारे लिये, हिन्दी टीचर ने पूरी कचौड़ी और पालक पनीर की फरमाईश की तो इंगलिश टीचर ने डकार लेते...
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कुंडली-डॉ.अशोक भाटिया ‘आजफैसले का दिन है; लेकिन समझ नहीं आता,कैसे क्या किया जाए!’ करमचंद सोचता जा रहा है।दरअसल उसकी बेटी के लिए एक रिश्ता आया है। सब चीज़ें ठीक लग रही हैं । उम्र,कद-काठी,देखने में भी...
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