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यात्रा संस्मरणः फ़िनलैंड: जादुई पल और अनकही बातें

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 - जैस्मिन जोविअल

पिछलेसाल की बात है। एक दिन मेरे छोटे भाई ने मुझसे कहा, “दीदी, इस बार फ़िनलैंड की यात्रा मैं स्पॉन्सर करूँगा।”

उसकी ये बात सुनकर मेरी आँखों में आँसू आ गए। उस पल में सिर्फ़ एक ट्रिप का वादा नहीं था… उसमें एक अडिग विश्वास था, अपार प्यार था, और वह अपनापन था, जो भाई-बहन के रिश्ते को अनमोल बना देता है।

वह वादा, जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि पूरा होगा, अब मुझे साकार होते हुए नजर आ रहा था। एक पल में ही तो वह साधारण बात एक एहसास में बदल गई- उसने न केवल मेरी यात्रा का खर्च उठाया, बल्कि मेरे दिल को भी एक नई उम्मीद दी।

मैं कई साल पहले फ़िनलैंड में एक साल रह चुकी थी; लेकिन इस बार मेरे दिल में कुछ खास था- कुछ ऐसा, जो शब्दों से नहीं कहा जा सकता। यह ऐसा था, जैसे कोई अधूरी कहानी फिर से अपनी पूरी ज़िन्दगी जीने जा रही हो।

मैंने फ़िनलैंड के बारे में फिर से पढ़ना शुरू किया- वहाँ की संस्कृति, वहाँ के लोग, वहाँ की ज़िन्दगी। सब कुछ एक सपना सा लगता था, एक ऐसी दुनिया जो जैसे मैं कल्पना ही कर सकती थी।

भाई ने वीज़ा की तैयारी में भी मेरी मदद की- डॉक्यूमेंट्स, सब कुछ। मैं तो बस उत्साह और आश्चर्य के बीच घिरी हुई थी; लेकिन फिर भी एक सवाल था जो मेरे दिल में बार-बार उठता था- "क्या सच में, फ़िनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश है?"

जब मैंने वहाँ के बारे में और जाना, तो समझ में आया कि फ़िनलैंड की खूबी सिर्फ़ उसकी प्राकृतिक सुंदरता में नहीं, बल्कि उसकी सोच में भी है।

वहाँ के लोग एक-दूसरे की इज़्जत करते हैं। न कोई दिखावा, न कोई झूठ- बस सच्चाई और शांति है।

वहाँ के जंगलों को लोग ऐसे सँजोते हैं, जैसे वो परिवार का हिस्सा हों। और यही वजह है कि फ़िनलैंड में अभी भी बहुत से देशों से ज्यादा जंगल हैं।

मैंने पहली बार 'फॉरेस्ट बाथिंग'की।

जंगल में चुपचाप चलना, उसकी ताजगी को महसूस करना, पत्तियों की हल्की सी आवाज़ सुनना- यह लगता था- जैसे प्रकृति मुझे अपनी बाहों में समेट कर गले लगा रही हो।

वहाँ मैंने पहली बार लामा देखे- एक छोटे से कैफ़े के पास। मेरी आँखों में अजीब- सी खुशी थी।

मैं एक द्वीप पर भी गई, जहाँ लोग आज भी नहीं चाहते कि वहाँ पुल बने। उनका मानना था कि उनका रिश्ता प्रकृति से वैसे ही जुड़ा रहे- सीधा, सरल, और सच्चा।

शहर की हलचल से बहुत दूर थी मैं।

वहाँ कोई शोर नहीं था, कोई भीड़ नहीं थी।

हवा इतनी ताजगी से भरपूर थी कि साँस लेना भी एक खास एहसास बन गया।

आकाश नीला था, पक्षी चहचहा रहे थे। जब मैंने बर्फ़ जैसे ठंडे पानी में अपने पैर डाले, तो वो ताजगी मेरी आत्मा में घुस/ उतर गई, एक ऐसी ताजगी जिसे मैं आज भी महसूस कर सकती हूँ।

ग्रोसरी शॉपिंग करना और जब कभी रोबोट्स खाना डिलीवर करते थे, तो लगता था जैसे मैं किसी फिल्म में हूँ- सिर्फ़ यहाँ, अब।

हमने जंगल में जाकर बारबेक्यू किया, खाना खुद पकाया, नदी के पास बैठकर खाया- और मैं वहीं बैठकर ‘नेचर लाइव ड्रॉइंग’ भी बनाई। दिल की गहराई से एक आवाज़ आई- "बस, यही तो असली ज़िंदगी है!"

वहाँ मैंने पहली बार एक अजीब-सी मगर मज़ेदार चीज़ ट्राई की- गर्म कॉफी के साथ आइसक्रीम। बिलकुल उल्टा मेल; लेकिन स्वाद ऐसा था, जैसे कोई मीठी याद मेरे होंठों पर पिघल रही हो।

ठंडी हवा, गरम कॉफी की भाप और उसमें डूबी आइसक्रीम- वे पल अब भी मेरे दिल में उसी गर्मी और प्यार से मौजूद हैं।

मैंने भाई से पूछा, “कुछ पेड़ों पर ये सफ़ेद-सफ़ेद- सा क्या है?”

उसने हँसते हुए कहा, “ये लिचन है… ये तभी उगती है, जब हवा बहुत ही साफ़ होती है।”

उस पल मुझे लगा- प्रकृति भी मुस्कुराती है, बस हम अक्सर उसे देख नहीं पाते।

यूनिवर्सिटी और कॉलेज भी देखे- इतने खुले, सुंदर और आज़ाद। वहाँ बच्चे डरकर नहीं, खुशी से पढ़ते हैं। वहाँ की पढ़ाई बोझ नहीं, एक खोज है।

और एक बात, जो मैंने दिल से सीखी- खुशी बड़ी चीज़ों से नहीं आती।

वह मिलती है- उन छोटी-छोटी बातों में- एक कप गर्म कॉफी, एक अजनबी की मुस्कान, या जंगल से उठाई गई एक पत्ती, जिसे उठाते समय ‘धन्यवाद’ कहना याद रहता है।

शायद यही वजह है कि फ़िनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश कहा जाता है।

फिर एक दिन, जब मैं जंगल में चल रही थी, तो मैंने सुनी थी, "Santa rides the sky so bright, with reindeer leading through the night."

अब मेरे सामने रेनडियर्स थे!

पहली बार मैंने उन्हें देखा और उसी वक्त मुझे ‘जिंगल बेल्स’ की कविता याद आई।

रेनडियर्स और सांता क्लॉज़ का रिश्ता वाकई में कुछ जादुई था।

फ़िनलैंड में जब मैं खरीदारी नहीं, बल्कि लोगों से दिल से बात करने और वहाँ की संस्कृति को समझने में ज्यादा रुचि लेने लगी, तो मुझे एहसास हुआ कि वहाँ के लोग बहुत शांत, सीधे और सच्चे होते हैं।

वहाँ की ज़िंदगी में बनावट नहीं है, सच्चाई है।

वहाँ की सादगी में शांति है, रिश्तों में अपनापन है, और प्रकृति में भगवान बसते हैं।

अब मेरी टू-डू लिस्ट में एक और सपना जुड़ चुका है- नॉर्दर्न लाइट्स देखने का।

मैंने इसके बारे में बहुत सुना है और कहीं पढ़ा था कि अगर आप दिल से किसी चीज़ की मन्नत करते हैं, तो वह सच होती है।

अब बस उस दिन का इंतजार है जब नॉर्दर्न लाइट्स के रंग मेरे सामने होंगे।

जो मैं देखना चाहती हूँ, वह सच हो! ■


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